भोपाल में धड़ल्ले से चल रहे हुक्का बार, नहीं हो रही कोई कार्रवाई

भोपाल में धड़ल्ले से चल रहे हुक्का बार, नहीं हो रही कोई कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-15 06:09 GMT
भोपाल में धड़ल्ले से चल रहे हुक्का बार, नहीं हो रही कोई कार्रवाई

डिजिटल डेस्क,भोपाल। शहर में हुक्का बार धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसके लिए कोई लायसेंस का प्रावधान नहीं है, लेकिन गुमाश्ता और नगर निगम से व्यवसायिक लायसेंस लेकर लोग इसे चला रहे हैं। इन्हें बंद कराने के लिए जिला आबकारी अधिकारी ने विभागीय बैठक में रेगुलेशन बनाने की मांग की थी, परन्तु इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

भोपाल के एमपी नगर, 10 नंबर, कोहेफिजा, मालवीय नगर, गांधी नगर, अशोका गार्डन आदि में करीब आठ स्थानों पर हुक्का बार चलने की जानकारी है। युवा उम्र के युवक-युवतियां इसमें हुक्के से तम्बाकू वाला धूम्रपान करते पाए जाते हैं और अपना स्वास्थ्य एवं भविष्य खराब करते हैं। हुक्का बार के बारे में वैधानिक स्थिति यह है कि इसका कोई लायसेंस नहीं होता है। व्यक्ति श्रम विभाग से दुकान एवं स्थापना अधिनियम के तहत गुमाश्ता तथा नगर निगम से व्यवसायिक लायसेंस ले लेता है। हालांकि इन पर हुक्का बार चलाने का जिक्र नहीं होता है। खान-पान की वस्तुयें परोसने पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन से लायसेंस लेना होता है तथा शराब परोसने पर आबकारी विभाग से लायसेंस लेना होता है, लेकिन जब इन हुक्का बार में बिना लायसेंस के खान-पान एवं शराब परोसी जाती है तो पुलिस, खाद्य एवं औषधि प्रशासन तथा आबकारी विभाग कार्रवाई करता है। पिछले माहों में ऐसे कई मामलों में कार्रवाई भी हुई है।

वैसे देश एवं प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकूयुक्त धूम्रपान पर प्रतिबंध है तथा होटलों में इसके लिए अलग से स्मोकिंग जोन बनाने का कानूनी प्रावधान है तथा ऐसे स्मोकिंग जोन होटलों एवं बारों में बनाये भी गए हैं।

अरविन्द पथरोल सीनियर फूड सेफ्टी आफिसर खाद्य एवं औषधि प्रशासन मप्र का कहना है कि हम सिर्फ खानपान के वस्तुओं का लायसेंस देते हैं। हुक्का बार जैसी चीजों के लिए कोई लायसेंस नहीं दिया जाता है क्योंकि इसमें धूम्रपान होता है। तम्बाकूयुक्त वस्तुओं के विक्रय पर भी हम प्रतिबंध प्रशासित करते हैं।

हबीबगंज सीएसपीभूपेन्द्र सिंह का कहना है कि हुक्का बार सिर्फ एक गुमाश्ता लेकर चालू किया जा सकता है। परन्तु हाल ही में हाईकोर्ट की रुलिंग आई है कि यदि हुक्का में तम्बाकू का उपयोग नहीं किया जा रहा है तो उसके हुक्का बार चलाए जा सकते हैं।

राहुल कुमार लोधा पुलिस अधीक्षक साऊथ का कहना है कि हुक्का बार के लिए लायसेंस देने के लिए पुलिस की एनओसी जैसी कोई बात मेरे सामने नहीं आई है। मेरे पास आज तक इस संबंध में ऐसा कोई प्रकरण नहीं आया है।

पंचायत एवं भोपाल जिला प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि हुक्का बार के बारे में कभी मुझे बताया नहीं गया है। यह महानगरीय संस्कृति की विकृति है। हमारे गांव खेड़े में तो पहले चिलम चलते थे। इस बारे में जानकारी लूंगा।

भोपाल जिला आबकारी अधिकारीआलोक खरे ने कहा कि हुक्का बार चलाने का कोई लायसेंस नहीं होता है। हमने ऐसे हुक्का बारों पर सिर्फ इस आधार पर कार्रवाई की है कि उनमें बिना लायसेंस के शराब परोसी जा रही थी। मैंने स्वयं विभागीय बैठक में हुक्का बार बंद करने के लिए रेगुलेशन बनाने की मांग की थी ,परन्तु इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

भोपाल नगर निगम उपायुक्त विधि भगवान दास भुमरकर ने कहा कि नगर निगम के व्यवसायिक लायसेंस से लोग हुक्का बार चला रहे हैं इसकी जानकारी ली जा रही है।

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