अब भ्रष्टाचार पर डिजिटल निगरानी, प्रत्येक कार्य के लिए लगेगी फीस

अब भ्रष्टाचार पर डिजिटल निगरानी, प्रत्येक कार्य के लिए लगेगी फीस

Anita Peddulwar
Update: 2020-03-11 10:59 GMT
अब भ्रष्टाचार पर डिजिटल निगरानी, प्रत्येक कार्य के लिए लगेगी फीस

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  महानगर पालिका में जिन-जिन विभागों पर आर्थिक लेन-देन की जिम्मेदारी है। अब उन विभागों में होनेवाले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए अमरावती महानगर पालिका की ओर से पूरी तरह से डिजिटल पद्धति का उपयोग किए जाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे जल्द ही मनपा के संपत्तिकर विभाग, एनएडीटी विभाग, बाजार पंजीयन विभाग में होनेवाले सभी आर्थिक लेन-देन को ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत लाया जाएगा। जिसमें प्रत्येक कार्य के लिए शुल्क निर्धारित रहेगा। इस नई यंत्रणा से मनपा को राजस्व के आय में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है।

हाल ही में मनपा के बाजार पंजीयन विभाग में दो वरिष्ठ कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित किया जा चुका है। इस निलंबन की कार्रवाई के बाद ही आर्थिक लेन-देन वाले विभागों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल खेला जाता है। इस मुद्दे को उठाते हुए मनपा प्रशासन के कामकाज में पारदर्शिता लाने की मांग जोर पकड़ रही थी। इसलिए मनपा एक डिजिटल प्रणाली के तहत सभी आर्थिक लेन-देन के कार्यो पर नजर रखेगी।  इस यंत्रणा में सभी कर्मचारी एक निश्चित प्रणाली के तहत ही काम कर पाएंगे। इसमें किसी प्रकार के किसी हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं रहेगी।

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साथ ही एक सॉफ्टवेयर कंपनी से करार कर कार्यालय प्रमुख की सहायता के लिए दो विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाएगा। जो कि इस डिजिटल कार्य प्रणाली का निरीक्षण करेंगे। साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित करेंगे कि, किसी प्रकार से कोई दुरुपयोग न हो सके। शहर में मनपा की आय के सबसे मुख्य स्त्रोत बाजार पंजीयन, संपत्ति कर व एनएटीडी विभाग है। इन्हीं विभागों में नकदी व्यवहार के समय भ्रष्टाचार का खेल होता है। ऐसे में अब प्रत्येक अधिकारी के लिए यह भी अनिवार्य किया जाएगा कि जब वह किसी संपत्ति का मूल्यांकन करने पहुंचता है, तो मूल्यांकन पत्र पर अपना नाम सहित हस्ताक्षर करे, जिससे किसी भी मामले में जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान कराने में आसानी होगी।

पारदर्शिता लाने की जरूरत 
जिस तरीके से महानगर पालिका की कार्यप्रणाली में खामियां नजर आ रही हैं। इसे देखते हुए आगे भविष्य में सुधार हो, इसके लिए पारदर्शिता की आवश्यकता है। डिजिटल प्रणाली इस पारदर्शिता में महत्वपूर्ण योगदान अदा करेगी।   चेतन गावंडे, महापौर 

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