ओबीसी आरक्षण - हाईकोर्ट में सुनवाई दो सप्ताह के लिए टली
ओबीसी आरक्षण - हाईकोर्ट में सुनवाई दो सप्ताह के लिए टली
डिजिटल डेस्क जबलपुर । राज्य में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण का प्रतिशत 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई दो सप्ताह के लिए बढ़ गई है। सरकार ने की ओर से दिए जवाब में कहा गया है कि प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी 51 प्रतिशत है, इसीलिए उस वर्ग के समाजिक व शैक्षणिक उत्थान करने उनके लिए तय आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाया गया है। बुधवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार के जवाब का जवाबदावा याचिकाकर्ताओं को पेश करने का समय देकर अगली सुनवाई 1 नवम्बर को निर्धारित की है।
संवैधानिकताओं को चुनौती
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 8 मार्च 2019 को अधिसूचना जारी करके ओबीसी वर्ग के लिए तय आरक्षण 27 फीसदी किया था। इसी फैसले की संवैधानिकताओं को चुनौती देकर हाईकोर्ट में चार याचिकाएं दायर की गईं हैं। इसी तरह केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण किए जाने की संवैधानिकता को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मामलों पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, रामेश्वर पी सिंह हाजिर हुए। राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता भूपेश तिवारी ने युगलपीठ को बताया कि प्रकरण पर जवाब पेश कर दिया गया है। इसके मददेनजर युगलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को जवाबदावा दाखिल करने की स्वतंत्रता देकर सुनवाई मुल्तवी कर दी।