दो दिनों में तेंदुए के शिकारियों का नहीं लगा सुराग, स्वान पथक पीटर व वनविभाग कर रहा तलाश

दो दिनों में तेंदुए के शिकारियों का नहीं लगा सुराग, स्वान पथक पीटर व वनविभाग कर रहा तलाश

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-17 09:57 GMT
दो दिनों में तेंदुए के शिकारियों का नहीं लगा सुराग, स्वान पथक पीटर व वनविभाग कर रहा तलाश

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। विदर्भ के फारेस्ट रेंज व आसपास के क्षेत्रों में जहां वन्यजीव व मानव के बीच संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वहीं वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। लगभग ढाई वर्ष पूर्व बाघ जय के लापता होने के बाद से आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इस बीच अवनी बाघिन और उसके पूर्व कई वन्यजीव का शिकार होने की बात सामने आई है। तीन दिन पूर्व अर्जुनी मोरगांव तहसील के केलवद/केशोरी वनक्षेत्र अंतर्गत गोली मारकर तेंदुए का शिकार किए जाने का मामला सामने आया। वनविभाग के स्वान पथक पीटर व गस्तीदल द्वारा शिकारियों की तलाश शुरू कर दी गई है, लेकिन दो दिन बीत जाने के बावजूद अब तक सुराग हाथ नहीं लगा है। 

गौरतलब है कि गोंदिया जिले के संरक्षित वनक्षेत्र में शिकार की घटना आए दिन घटित होती है। लेकिन इस बार शिकारियों द्वारा बंदूक का इस्तेमाल कर तेंदुए का शिकार किया गया है। उपरोक्त घटना अर्जुनी मोरगांव तहसील अंतर्गत गोठनगांव वनपरिक्षेत्र के तहत आने वाले केलवद/केशोरी के वनक्षेत्र कक्ष क्र.233 में 15 दिसंबर की दोपहर 4 बजे तालाब के समीप एक ढाई वर्षीय तेंदुआ मृत पाया गया। जिसकी जांच किए जाने पर शिकारियों द्वारा दो गोली मारकर उसकी हत्या किए जाने की बात सामने आई। विशेष यह है कि उपरोक्त वन परिक्षेत्र संरक्षित नागझिरा-नवेगांव व्याघ्र प्रकल्प के अंतर्गत आता है।

घटना की जानकारी वनविभाग के अधिकारियों को मिलते ही हड़कंप मच गया व तत्काल वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच मेंं जुट गए। साथ ही गोंदिया जिले में शिकारियों को धर दबोचने का कार्य करने वाला स्वान पथक पीटर को भी घटनास्थल पर बुलावाया गया। जिसके पश्चात संयुक्त रूप से दो दिनों से तेंदुए का शिकार करने वाले शिकारियों की तलाश की जा रही है। लेकिन अब तक इस घटना में शामिल किसी भी आरोपी का सुराग नहीं लग पाया है। घटना के पश्चात मृत तेंदुए को गोठनगांव वनपरिक्षेत्र कार्यालय में लाकर पशु चिकित्सक डॉ.नंदु खोड़सकर व डा.सरगर द्वारा शव विच्छेदन कर जांच की गई। इस मौके पर सहायक उपवन संरक्षक नरेंद्र शेंडे, मानद वन्यजीव संरक्षक मुकुंद धुर्वे, क्षेत्र सहायक डी.एस.बुरेले, पठान आदि उपस्थित थे। विशेष यह है कि इसके पूर्व जिले में वन्यप्राणियों का शिकार विद्युत करंट लगाकर भी किया जाता रहा है।  कुछ समय से वनविभाग द्वारा संरक्षित वन क्षेत्र में कड़ी चौकसी की जा रही है। लेकिन इसके बावजूद शिकार की यह घटना घटित होने पर जिले में शिकारियों का गिरोह फिर से सक्रिय होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। 

तलाश निरंतर जारी
तेंदुए के शिकारियों की तलाश के लिए स्वान पथक के साथ-साथ विशेष दल का भी गठन किया गया है। जिनके द्वारा निरंतर 24 घंटे आरोपी की तलाश में लगे हुए है। जल्द ही शिकारियों को दबोचा जाएगा। 
एन.एस.शेंडे, सहायक उपवन संरक्षक, गोंदिया 

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