दुरंताे -अजनी से चलाने से यात्री परेशान, 5 दिन में 22 प्रतिशत टिकट कैंसिल

दुरंताे -अजनी से चलाने से यात्री परेशान, 5 दिन में 22 प्रतिशत टिकट कैंसिल

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-18 08:11 GMT
दुरंताे -अजनी से चलाने से यात्री परेशान, 5 दिन में 22 प्रतिशत टिकट कैंसिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  भविष्य में नागपुर-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस को अजनी से चलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए फिलहाल तीन महीने तक  इसे प्रयोगिक तौर पर अजनी से चलाया जा रहा है। दुरंतो एक्सप्रेस नागपुर मंडल के नागपुर स्टेशन के लिए महत्वपूर्ण गाड़ी है। इस गाड़ी को यात्रियों का प्रतिसाद भी अच्छा मिलता है। इसे अचानक अजनी से चलाने के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्री पहले नागपुर स्टेशन पहुंच रहे हैं उसके बाद जानकारी मिलने के बाद अजनी स्टेशन पर जा रहे हैं। इसके कारण  लेकिन इससे कारण यात्रियाें को लगातार परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसमें नागपुर से चलने वाली 12290 नागपुर-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस में 1 से 5 फरवरी तक करीब 22 प्रतिशत से ज्यादा यात्रियों ने अपना टिकट कैंसिल कराया है।  

जूझ रहे यात्री
1 फरवरी से 5 फरवरी तक नागपुर-मुंबई दुरंताे एक्सप्रेस में कुल 10,603 यात्रियों ने टिकट बुक किया, जिसमें से 2,449  यात्रियों ने टिकट कैंसिल किया है। इसमें ट्रेन ज्यादातर असर अपने निर्धारित स्टेशन के बजाय अजनी स्टेशन से छूटने के कारण हुआ है। स्टेशन बदलने के कारण यात्री पहले नागपुर स्टेशन आ रहे हैं। इसके बाद अजनी स्टेशन की ओर भागते हैं। दूसरे स्टेशन पर जाने के लिए ऑटो चालक भी मनमाना किराया वसूलते हैं।

दुरंतो के लिए प्लेटफार्म 8
दुरंतो के लिए नागपुर स्टेशन पर प्लेटफार्म 8 का निर्माण किया गया था। यह प्लेटफार्म पूर्व द्वार की ओर बनाया गया। इसे अन्य प्लेटफार्म से जोड़ने के लिए एफओबी भी बनाया गया। दूसरी गाड़ियों से उपराजधानी से राजधानी तक 15-16 घंटे का सफर था। दुरंतो से इसे 11 घंटे में ही तय किया जाता है। 

बढ़ रहा आर्थिक बोझ
दुरंतो नागपुर से ही चलाने के लिए निवेदन दिया है। दुरंतो नागपुर स्टेशन की बहुत ही महत्वपूर्ण गाड़ी है। इसमें नागपुर से मुंबई तक सफर का समय कम लगता है। इस कारण इसे यात्रियों का भी अच्छा प्रतिसाद मिला है। स्टेशन बदलने से यात्रियों को भी असुविधा होती है। साथ ही उन पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है। अजनी टर्मिनल पूरी तरह तैयार हो जाए तो कर सकते हैं।   - ब्रजभूषण शुक्ला, रेल यात्री संघ

Tags:    

Similar News