उपचुनाव रद्द कराएं,अन्यथा किसी सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार को निर्विरोध जितवा दें-पवार

उपचुनाव रद्द कराएं,अन्यथा किसी सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार को निर्विरोध जितवा दें-पवार

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-16 12:36 GMT
उपचुनाव रद्द कराएं,अन्यथा किसी सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार को निर्विरोध जितवा दें-पवार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। काटोल विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव का मामला राजनीतिक दलों के लिए परेशानी का कारण बनने लगा है। ऐसे में राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने आव्हान किया है कि इस चुनाव को रद्द कराने के लिए सभी राजनीतिक दल एकत्र आएं। इतने पर भी चुनाव रद्द नहीं हो पाता हो तो सारे दल मिलकर किसी सामाजिक कार्यकर्ता या पत्रकार को निर्विरोध चुनाव लड़वा दें। सभी राजनीतिक दलों की ओर से एक अलग मिसाल दी जा सकती है।

भाजपा विधायक आशीष देशमुख के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई काटोल विधानसभा के लिए लोकसभा चुनाव के पहले चरण के साथ 11 अप्रैल को मतदान की घोषणा चुनाव आयोग ने की है। अक्टूबर में राज्य भर में विधानसभा का चुनाव होगा। लिहाजा काटोल उपचुनाव में जीतने वाले उम्मीदवार को 3 माह ही कार्य करने का मौका मिल पाएगा। क्योंकि उपचुनाव का परिणाम मई में आएगा। जून ,जुलाई व अगस्त तक ही विधायक को काम करने का मौका मिलेगा। सितंबर में फिर से चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो जाएगी। राजनीतिक दलों को लगता है कि 3 माह में दो बार विधानसभा चुनाव लड़ने से काफी परेशानी होगी। इस सीट पर भाजपा से पहले राकांंपा का उम्मीदवार जीतता रहा है।

गठबंधन की राजनीति के तहत इस बार उपचुनाव के लिए शिवसेना ने भाजपा व कांग्रेस ने राकांपा को समर्थन दिया है। राकांपा में केवल एक उम्मीदवार को नाम सामने आया है। वहीं भाजपा में 4 दावेदार हैं। पवार ने मुंबई में काटोल मामले पर कहा है कि इस उपचुनाव को  रद्द करने के लिए सभी राजनीतिक दलोंं को एकत्र होकर चुनाव आयोग से मांग करना चाहिए। आयोग अगर न मानें तो राजनीतिक दल की ओर से किसी उम्मीदवार का नामांकन दर्ज नहीं कराना चाहिए। शिक्षा या अन्य क्षेत्र में प्रभावी कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता या पत्रकार को सभी दल मिलकर निर्विरोध जितवा सकते हैं। 

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