प्रधानमंत्री ने री-इन्वेस्ट 2020 का उद्घाटन कियामेगावॉट से गीगावॉट की योजना वास्तविकता बन रही है
प्रधानमंत्री ने री-इन्वेस्ट 2020 का उद्घाटन कियामेगावॉट से गीगावॉट की योजना वास्तविकता बन रही है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय प्रधानमंत्री ने री-इन्वेस्ट 2020 का उद्घाटन किया मेगावॉट से गीगावॉट की योजना वास्तविकता बन रही है- प्रधानमंत्री भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बीते 6 वर्षों में ढाई गुना बढ़ी- प्रधानमंत्री भारत ने प्रदर्शित किया कि बेहतर पर्यावरण नीतियां बेहतर अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं- प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तीसरे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश बैठक और प्रदर्शनी री-इन्वेस्ट-2020 का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का आयोजन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा किया गया। इस साल का विषय ‘टिकाऊ ऊर्जा परिवर्तन के लिए नवाचार’ है। प्रधानमंत्री ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र बहुत कम अवधि में मेगावॉट से गीगावॉट में ऊर्जा उत्पादन क्षमता की तरफ से बढ़ रहा है और “एक सूर्य”, “एक विश्व”, “एक ग्रिड” अब वास्तविकता बन रही है, जिस पर इससे पहले आयोजित सम्मेलन में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया था। बीते 6 वर्षों में भारत की यात्रा अतुल्य रही है। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा उत्पादन क्षमता और इसका संचार तंत्र बढ़ाया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत के प्रत्येक नागरिक तक ऊर्जा सुलभ हो और वह अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर सके। उन्होंने तथ्यात्मक रूप से बात करते हुए कहा कि आज भारत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में विश्व में चौथे स्थान पर पहुंच गया है और दुनिया के सबसे तेज नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन वाले देशों में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता वर्तमान में बढ़ते हुए 136 गीगावॉट हो गई है जो कि हमारे कुल ऊर्जा क्षमता का 36 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत की वार्षिक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2017 से कोयला आधारित तापीय विद्युत उत्पादन के समान बढ़ रही है। उन्होंने रेखांकित किया कि बीते 6 वर्षों में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में ढाई गुना की वृद्धि हुई है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में जिस समय निवेश सस्ता नहीं था, उस समय किए गए निवेश के चलते आज इसके उत्पादन में यह अपेक्षित और उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और इसी के चलते अब लागत में कमी आने लगी है। उन्होंने कहा कि हमने दुनिया को दिखा दिया है कि पर्यावरण अनुकूल नीतियां भी अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि ऊर्जा क्षमता सिर्फ एक मंत्रालय या विभाग तक सीमित ना रहे। इसके बजाय हमने समूची सरकार के सामने इसका लक्ष्य तय किया। हमारी सरकार की सभी नीतियों में ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के विचार को ध्यान में रखा जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) की सफलता के बाद हमने यह तय किया है कि उच्चतर क्षमता वाले सौर मॉड्यूल में भी इसी तरह का प्रोत्साहन शुरू किया जाए। उन्होंने जोर दिया कि व्यवसाय अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसीलिए निवेशकर्ताओं को सहूलियत उपलब्ध कराने के संबंध में परियोजना विकास सेल बनाया गया है। उन्होंने घोषणा की कि अगले दशक के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के संबंध में बड़ी तैयारी है जिससे लगभग 20 बिलियन डॉलर प्रतिवर्ष का व्यवसाय सृजित होने की संभावना है। उन्होंने भारत की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा में सम्मिलित होने के लिए दुनिया के निवेशकों और व्यवसायियों को आमंत्रित किया।