पुलिस तैयार कर रही बड़े रेत माफियाओं के रिकार्ड, जल्द सामने आएंगे बड़े नाम

पुलिस तैयार कर रही बड़े रेत माफियाओं के रिकार्ड, जल्द सामने आएंगे बड़े नाम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-03 08:53 GMT
पुलिस तैयार कर रही बड़े रेत माफियाओं के रिकार्ड, जल्द सामने आएंगे बड़े नाम

डिजिटल डेस्क, कटनी। रेत के काला-कारोबार से नदियों को बर्बाद करने वाले माफियाओं का चिट्ठा पुलिस ने तैयार कर लिया है। यदि सही तरीके से कार्यवाही हुई तो कई सफेदपोश और समाजसेवा का दम भरने वाले उन रेत माफियाओं के नाम सबके सामने होंगे, जो अरसे से जिले का नाम अवैध उत्खनन के मामले में पूरे प्रदेश में खराब कर रहे हैं। इधर पुलिस भी ऐसे लोगों की कुण्डली तैयार कर उनके विरुद्ध आवश्यक दस्तावेज एकत्र कर रही है, ताकि कानून की पकड़ किसी तरह से ढीली न पड़ने पाए। इसके लिए पुलिस ने चोरों के ही तर्ज पर जाल बिछाई है। इस जाल में बड़े माफियाओं के गले तक पहुंचने की बात पुलिस कह रही है।

वैध की आड़ में अवैध
जिले में वैध खदानों की आड़ में रेत का अवैध कारोबार किया जा रहा है। बड़वारा में गुढ़ाकला और गुढ़ाखुर्द में स्वीकृत खदान है, लेकिन स्वीकृत खदान की आड़ में कई अवैध खदानें भी माफियाओं के हैं। रेत के अवैध उत्खनन के मामले में बड़वारा क्षेत्र पहले से ही चर्चाओं में बना है। विजयराघवगढ़ क्षेत्र भी रेत माफियाओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है। खेरवा, हंतला और हिनौता में स्वीकृत खदान हैं, लेकिन यहां पर और ऐसे दर्जनों स्थान हैं। जहां से माफिया रेत निकालने का काम करते हैं।

बरही में हुई दर्जनों कार्यवाही
मानसून सीजन में रेत के खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बावजूद रेत का खनन कई जगहों पर धड़ल्ले से हो रहा है। यह बात अलग है कि इस सीजन में बरही थाना क्षेत्र में ही रेत के अवैध परिवहन करने वाले वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही हुई है। यहां पर दो माह के अंतराल में 40 से 50 ट्रैक्टर रेत चोरी के मामले में पकड़े गए हैं। इसके साथ दो दर्जन ट्रकों पर भी पुलिस ने कार्यवाही की है। अन्य थानों में जिस तरह से कार्यवाही हुई है। उसे देखकर जानकार यही कह रहे हैं कि लगता है कि बरही क्षेत्र से ही पूरे जिले में रेत की आपूर्ति की जाती है।

आम लोगों पर सीधा असर
रेत के अवैध कारोबार का असर सीधा आम लोगों पर पड़ रहा है। इस काले कारोबार में संलिप्त लोग तो पनप रहे हैं, लेकिन उन लोगों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं, जो आशियाना का सपना संजोए हुए मकान निर्माण करा रहे हैं। मानसून सीजन में  रेत के दाम में पचास से अस्सी फीसदी तक वृद्धि हुई है। गर्मी के मौसम में सात हजार रुपए देने पर  दो ट्रैक्टर-ट्राली रेत मिल जाती थी। अब वही पांच हजार चुकाने पर एक ट्राली ही रेत मिल पा रही है।

इनका कहना है
जिले में रेत के अवैध खनन की जानकारी मिलती रहती है। सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस पर कार्यवाही करें। साथ ही उच्चस्तर पर भी माफियाओं की कुण्डली तैयार कर ली गई है। कार्यवाही पूरी होने के बाद ही इसमें और अधिक जानकारी दी जा सकती है।
- मिथलेश शुक्ला, एसपी

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