Bhaskar Hindi
Update: 2017-05-30 11:25 GMT
भोपाल। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के हिसाब से अब शहरी सीमा में पानी के पाउच खुले में नहीं बेचे जा सकेंगे। बताया जा रहा है कि अब 65 माइक्रोन की पन्नी के पाउच बनेंगे। जिसके बाद पानी के पाउच की कीमत भी बढ़ जाएगी। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार प्लास्टिक की पाउच में पानी बेचना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जानकारी के अनुसार निगामायुक्त ने शहरी सीमा में पानी के पाउच खुले में नहीं बेचे जाने का निर्णय लिया है। कहा जा रहा है कि लोगों के स्वास्थ्य और सफाई, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पानी के पाउचों को खुले में नही बेचा जाएगा। इस निर्णय के बाद पानी पाउच की कीमत भी बढ़ा दी जाएगी। वर्तमान में ये एक रुपए में मिलते हैं।
यहां आपको बता दें कि सफाई व्यवस्था के मामले में राजधानी का दूसरा स्थान है जबकि इंदौर पहले स्थान पर है। इस चूक को भरने के लिए भी इस तरह के निर्णय पर विचार किया जा रहा है, ताकि पानी के पाउचों की वजह से होने वाली गंदगी से भी छुटकारा मिल सके और डब्ल्यूएचओं की गाइडलाइन का भी पालन हो।
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