पन्ना: बाघों के बाद गिद्धों के अनुश्रवण हेतु की जा रही है रेडियो टैगिंग

पन्ना: बाघों के बाद गिद्धों के अनुश्रवण हेतु की जा रही है रेडियो टैगिंग

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-11-28 09:45 GMT
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डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजव ने बताया है कि पन्ना टाईगर रिजर्व न सिर्फ बाघों बल्कि गिद्धों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। यहां पर गिद्धों की 07 प्रजातियां पायी जाती है। जिनमें से 04 प्रजातियां पन्ना टाईगर रिजर्व की निवासी प्रजातियां है एवं शेष 03 प्रजातियां प्रवासी हैं। गिद्धों के प्रवास मार्ग हमेशा से ही वन्यप्राणी प्रेमियों के लिए कौतुहल का विषय रहे हैं। गिद्ध न केवल एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश बल्कि एक देश से दूसरे देश, मौसम अनुकूलता के हिसाब से प्रवास करते हैं। गिद्धों के रहवास एवं प्रवास के मार्ग के अध्ययन हेतु पन्ना टाईगर रिजर्व द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून की मदद से गिद्धों की रेडियो टैगिंग का कार्य प्रारंभ किया गया है। जिसके अन्तर्गत पन्ना टाईगर रिजर्व में 25 गिद्धों को रेडियो टैगिंग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेडियो टैगिंग कार्य की अनुमति भारत सरकार से प्राप्त हो चुकी है। रेडियो टैगिंग से गिद्धों के रहवास, प्रवास के मार्ग एवं पन्ना लेण्डस्केप में उनकी उपस्थिति आदि की जानकारी ज्ञात हो सकेगी, जिससे भविष्य में इनके प्रबंधन में मदद मिलेगी। इस के लिए पन्ना टाईगर रिजर्व के झालर घास मैदान में कार्य प्रारंभ किया गया। रेडियो टैगिंग कार्य लगभग 01 माह में पूर्ण होगा। गिद्धों की रेडियो टैगिंग का यह कार्य देश में गिद्धों पर किए जाने वाले अध्ययन का प्रथम अवसर है। पार्क प्रबंधन कार्य की सफलता हेतु आश्वस्त है एवं यह प्रयोग सफल हो इस दिशा में सभी संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि भविष्य में रेडियो टैगिंग से प्राप्त जानकारी पन्ना टाईगर रिजर्व ही नही बल्कि पूरे देश विदेश में गिद्धों के प्रबंधन के लिए लाभकारी होगी।

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