रायपुर : राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने सीताफल प्रसंस्करण इकाई का शुभारंभ किया

रायपुर : राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने सीताफल प्रसंस्करण इकाई का शुभारंभ किया

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-09-14 11:25 GMT
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डिजिटल डेस्क, रायपुर। 14 सितंबर 2020 प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी श्री जयसिंह अग्रवाल ने मरवाही में सीताफल प्रसंस्करण इकाई केन्द्र का शुभारंभ किया। मरवाही क्षेत्र में अत्याधिक मात्रा में सीताफल का उत्पादन होता है, जो औसतन 4-5 रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर बिचोलियों द्वारा क्रय कर लिया जाता है। इससे क्षेत्रिय लोगों को इसका फायदा कम मिल पाता है। अब वन प्रबंधन समिति दानीकुण्डी द्वारा स्थानिय लोगों से इसका न्यूनतम मूल्य 10 रूपए प्रति किलोग्राम पर क्रय किया जाएगा। यहां 1500 टन सीताफल का उत्पादन अनुमानतः होता है, जिसमें से 1000 टन सीताफल का ग्रामीणों से क्रय कर इससे पल्प निर्माण की योजना है। प्रति किलोग्राम सीताफल से 250 ग्राम पल्प, 150 ग्राम सीताफल का बीज एवं अवशिष्ट भाग 600 ग्राम प्राप्त होता है। पल्प निर्माण में औसतन 80 रुपये प्रति कि.ग्रा. का व्यय होता है, जबकि इसकी विक्रय 150 रुपए प्रति किलोग्राम या अधिक दर पर होता है, साथ ही 50 रुपए प्रति किलोग्राम में बीज का विक्रय होता है। सम्पूर्ण प्रक्रिया में इस प्रकार प्रति किलोग्राम सीताफल पर 30 रुपए शुद्ध लाभ प्राप्त होना आंकलित किया गया हैं, जो यहां की स्व-सहायता समूह दानीकुण्डी की महिलाओं को बोनस, संग्राहकों को बोनस एवं केन्द्र उन्नयन एवं विकास में समान रुप से विभक्त किया जायेगा अर्थात बोनस के अलावा एक तिहाई राशि समिति को प्रदत्त ऋण के रूप में दिया जायेगा। इस परियोजना को संचालित करने हेतु अधोसंरचना मशीनों एवं कार्यशील पूंजी के लिए 60 लाख की आवश्यकता थी जिसे वृत्तस्तरीय चक्रीयनिधी से वनप्रबंधन समिति दानीकुण्डी को 4 प्रतिशत व्याज पर 10 वर्षीय ऋण वापसी योजना के साथ प्रदान किया गया है। मरवाही अरण्य फल प्रसंस्करण उद्योग समिति दानीकुण्डी के नाम से सहकारी समिति का गठन किया गया है। इस प्रक्रिया से लगभग 3350 सदस्य प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से लाभान्वित होंगे तथा शोषण से बचेंगे। स्थानीय रुप से वनों में उपलब्ध सीताफल, जामुन, महुआ, तेंदू आदि फलों के पल्प के मिश्रण से आइसक्रीम निर्माण का कार्य से प्रारंभ किया जा चुका है, वर्तमान में सीताफल, जामुन, आम एवं महुआ फूल आइसक्रीम का निर्माण किया जायेगा। इस केन्द्र द्वारा निर्मित आइसक्रीम, कैंडी, लड्डू एवं अन्य खाद्य पदार्थ का नाम ट्रायबल डिलाईट ब्रांड के नाम से विक्रय किया जायेगा। इसके आउटलेट संजीवनी मार्ट, गढ़कलेवा, आइसक्रीम पार्लर एवं रेल्वे स्टेशनों में भी विक्रय किया जायेगा। इस प्रकार यह उपक्रम इस प्रदेश में अपने आप में अनूठा एवं नवाचार स्थापित करेगा। व्यापारिक गतिविधियों से भी समिति सदस्यों को लाभ प्राप्त होगा। प्रभारी मंत्री ने मरवाही प्रक्षेत्र अंतर्गत संचालित वन प्रबंधन समितियों के सदस्यों एवं सुरक्षा प्रहरियों को विभिन्न सामग्री किटों का वितरण किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। 

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