रायपुर : विशेष लेख : राजस्व प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए ई-कोर्ट प्रणाली

रायपुर : विशेष लेख : राजस्व प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए ई-कोर्ट प्रणाली

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-08-12 07:55 GMT
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डिजिटल डेस्क, रायपुर। एम.एल. चौधरी, सहायक संचालक रायपुर, 11 अगस्त 2020 छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्ग निर्देशन एवं राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल के नेतृत्व में आम लोगों की सुविधा के लिए राजस्व विभाग के कार्यो का सरलीकरण कर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की सार्थक शुरूआत की गई है। राजस्व प्रशासन ने पारदर्शिता लाने एवं राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु ई-कोर्ट व्यवस्था प्रारंभ की गई है। साथ ही राजस्व न्यायालयों में संधारित किए जाने वाले दायरा पंजी, वाद पंजी एवं अर्थदण्ड पंजी को ई-कोर्ट व्यवस्था के अंतर्गत ऑनलाईन किया गया है। ई-कोर्ट में विचाराधीन प्रकरणों से संबंधित भूमि की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध करायी गई हैै। आम जनता को भू अभिलेखों की दुरूस्ती हेतु ऑनलाईन आवेदन करने एवं आवेदन पर की गई कार्यवाही की वर्तमान स्थिति ऑनलाईन देखने की सुविधा पटवारी द्वारा संधारित नामांतरण पंजी को भी ऑनलाईन नामांतरण पंजी में परिवर्तित किया गया है। भू अभिलेखों तक लोगों की आसान पहुंच सुनिश्चित करने हेतु एन्ड्राइड एप्प पर उपलब्ध कराया गया है। खसरा एवं बी-1 की डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रतिलिपि ऑनलाईन निःशुल्क कही से भी कभी भी प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। राजस्व विभाग द्वारा छोटे भूखण्डों के विक्रय के संबंध में पंजीयन हेतु नक्शे की अनिवार्यता को समाप्त किया गया है। 5 डिसमिल से छोटे भूखण्डों के विक्रय पर से प्रतिबंध हटाया गया है। नगरीय क्षेत्र में स्थित गैर रियायती दर पर शासकीय पट्टे पर आबंटित भूमि को पट्टेदार द्वारा भू स्वामी हक में परिवर्तन करना चाहे तो उनसे प्रचलित गाईड लाईन दर से 2 प्रतिशत राशि लेकर भू स्वामी अधिकार में परिवर्तित किया जाएगा। रियायती दर पर आबंटित भूमि को प्रचलित गाईड लाईन दर से पूर्ण प्रब्याजि का भुगतान कर देने पर भू स्वामी हक में परिवर्तित किया जाएगा। इसी तरह आम जनता की सुविधा के लिए 7500 वर्गफुट तक की शासकीय भूमि के 30 वर्षीय पट्टे पर आबंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को दिया गया है। कोई भी व्यक्ति 20 अगस्त 2019 के पूर्व की अतिक्रमित शासकीय भूमि के बंटन व्यवस्थापन के लिए आवेदन कर सकता हैै। बंटन व्यवस्थापन के प्रकरणों के त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण के लिए 120 कार्य दिवस की सीमा निर्धारित करते हुए लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के अंतर्गत इन सेवाओं को सम्मलित किया गया है। कृषि भूमि का गैर कृषि भूमि में परिवर्तन की अनुमति देने और गैर कृषि प्रयोजन के लिए प्रब्याजि और भू-भाटक के निर्धारण के लिए सक्षम प्राधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को अधिसूचित किया गया है। व्यपवर्तन के प्रकरणों में आवेदक को खसरा बी-1, नक्शा एवं आवेदन के अतिरिक्त अन्य कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नही होगी। व्यपवर्तन के प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु 90 कार्य दिवस निर्धारित करते हुए लोक सेवा गारंटी अधिनियम की सेवाओं के अंतर्गत सम्मलित किया गया है। राजस्व अभिलेखों की शुद्धता, समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का का उपार्जन, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6(4) के अंतर्गत आर्थिक अनुदान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सम्यक क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक खसरा नम्बर में स्थल पर पायी गई स्थितियों के अनुसार शत-प्रतिशत गिरदावरी करने के निर्देश विभागीय राजस्व अधिकारियों को दिए गए हैं। राज्य में खरीफ मौसम 2020 हेतु 1 अगस्त 2020 से प्रारंभ कर 20 सितम्बर 2020 तक फसलों की गिरदावरी का कार्य पूर्ण करने तथा दावा आपत्ति का निराकरण कर खसरा पांचसाला तथा साफ्टवेयर में प्रविष्टी 14 अक्टूबर 2020 तक पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों केा दिए गए है। साथ ही गिरादावरी के समय किसान द्वारा धारित भूमि का खसरावार फोटोग्राफ मोबाइल पर अनिवार्य रूप से लिया जाना आवश्यक किया गया है। राजस्व विभाग द्वारा राज्य के 20 हजार 89 ग्रामों के खसरा एवं 19 हजार 743 ग्रामों के नक्शो का कम्प्यूटरीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

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