धर्म जब तक रहेगा, भारत को खत्म करना नामुमकिन : मोहन भागवत

धर्म जब तक रहेगा, भारत को खत्म करना नामुमकिन : मोहन भागवत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-05 09:57 GMT
धर्म जब तक रहेगा, भारत को खत्म करना नामुमकिन : मोहन भागवत

डिजिटल डेस्क,नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का कहना है कि धर्म भारत का प्राण है। जब तक भारत में धर्म का अस्तित्व में है, तब तक भारत को खत्म करना असंभव है। हमारा धर्म मानवधर्म है। मानव में विभाजन करने के लिए धर्म को हिंदू धर्म का नाम दिया गया है।

रेशमबाग स्थित महर्षि व्यास सभागृह में विश्व संघ शिक्षा वर्ग 2017 के समापन समारोह में मोहन भागवत ने ये बात कही। विदेशों से आए स्वयंसेवकों को मार्गदर्शन करते हुए  भागवत ने कहा कि धर्म खत्म होने पर भारत में कोई बच नहीं पाएगा। दुनिया के देश धर्म से दूर जाने के कारण समस्या निर्माण हुई है। आतंकवाद बढ़ने लगा है। दुनिया को अगर सुखी रखना है तो धर्म आवश्यक है। संघ के पहले सरसंघचालक डॉ. केशव हेडगेवार ने स्वतंत्र और वैभव संपन्न भारत का सपना देखा था। भोगवाद से दुनिया की मुक्ति करने वाला, दुनिया को विश्वधर्म की शिक्षा देने वाला भारत उन्हें निर्माण करना था। उसी दिशा में संघ का काम शुरू है। स्वयंसेवक देश के बाहर गए और वहां उन्होंने शाखा शुरू की। केनिया देश में पहली शाखा शुरू हुई। स्वयंसेवक जहां-जहां गए, वहां उन्होंने स्वयंसेवक संघ तैयार किए हैं। जल्द ही दुनिया में विश्वबंधुत्व और विश्वधर्म की शिक्षा देने वाला समर्थ भारत निर्माण होगा। 

अर्थशास्त्री व नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय ने कहा कि भारत पुण्य भूमि है। धर्म और कर्म की शिक्षा देने वाला देश है। हम सभी एकसूत्र में बंधे हैं। यहीं हमारी शिक्षा है। अब तक समाज ने ही समाज के प्रश्न हल किए हैं। हमारा आचरण सुधारना ही हमारा राजधर्म है। हम स्वयं बदलेंगे तो दुनिया बदलेगी। धर्म और कर्म की शिक्षा दुनिया के सामने आएगी।

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