चार कंपनियों पर 900 करोड़ रु जलकर बकाया, NTPC ने जमा किया 314 करोड़

चार कंपनियों पर 900 करोड़ रु जलकर बकाया, NTPC ने जमा किया 314 करोड़

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-13 08:45 GMT
चार कंपनियों पर 900 करोड़ रु जलकर बकाया, NTPC ने जमा किया 314 करोड़

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (बैढ़न)। जल संसाधन विभाग के जल कर की अरबों रुपए की राशि जिले में स्थापित कंपनियों द्वारा दबाए रहने का खुलासा भास्कर ने पिछले दिनों किया था। खुलासे के बाद NTPC ने 3 अरब 14 करोड़ की रकम एक दिन के अंदर सरकारी खजाने में जमा कर दी है। जबकि भुगतान से बच रही चार ईकाइयों को राज्य सरकार ने नोटिस जारी करते हुए अल्टीमेटम दिया है। जल संसाधन के कार्यपालन यंत्री ने सरकार की कार्रवाई की पुष्टि की है। 

इस राशि को पिछले कई सालों की बकाया रकम वसूलने में अब जल संसाधन के अफसरों का पसीना छूट रहा था। भास्कर द्वारा अफसरों की लापरवाही का खुलासा करने के बाद हरकत में आए जल संसाधन के अमले ने कंपनियों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई तेज कर दी है। 

गौरतलब है कि कंपनियों द्वारा खुलेआम अनुबंध शर्तों का उल्लंघन करने के बाद भी अफसरों ने कंपनी की वॉटर सप्लाई नहीं रोकी। बताया जा रहा है कि पर्दे के पीछे से जल संसाधन विभाग के अफसरों की सरपरस्ती के चलते कंपनी जलकर की देनदारी को चुकाने से बच रही थी। जल संसाधन के बकायदारों की सूची पर गौर करें तो जय प्रकाश एसोसिएट, हिंडाल्को, सासन और एस्सार पर भी जलकर की देनदारी बनी हुई है। जेपी कंपनी को जलसंसाधन विभाग द्वारा गोपद नदी से सालाना पहले चरण में 58.32 और दूसरे चरण में 42 एमसीएम पानी की सप्लाई की जा रही है। 

बताया जा रहा है कि प्रशासन ने अनुबंध में 22 मई 16 को संशोधन करते हुए कंपनी को सप्लाई होने वाले पानी की मात्रा को बढ़ा दिया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए कंपनी पर 4 करोड़ 87 के जल कर का भी सिंचाई विभाग ने निर्धारण किया है।

चार कंपनियों पर 9 अरब की देनदारी
जल संसाधन के ईई ने बताया कि चार कंपनियों पर करीब 9 अरब बकाया हैं। इनमें से एस्सार पर 1 अरब 48 करोड़, सासन 64 करोड़, हिंडाल्को पर 3 अरब 81 करोड़, जयप्रकाश 4 अरब 87 करोड़ का जलकर बकाया होने का अफसर दावा कर रहे हैं। कार्यपालन यंत्री का कहना है कि कंपनियों के  जलकर का विवाद शासन स्तर पर चल रहा था। विवाद खत्म हो चुका है। कंपनियां जल्द ही बकाया राशि जमा करेंगी। 

शीर्ष स्तर से मामले का दखल होने के साथ ही कंपनियों को पैसा जमा करने के लिए शासन स्तर से नोटिस जारी किया गया है। भास्कर के खुलासे से पहले अफसर वसूली के लिए महज कागजी घोड़े दौड़ा रहे थे। जल संसाधन विभाग जानकारी से यह खुलासा हुआ है कि जिले की छह कंपनियों का वर्ष 2013 से दिसंबर 17 की स्थित में जलकर की अरबों रूपए की बकायेदारी थी। अब जल संसाधन के कार्यपालन यंत्री सिर्फ 4 कंपनियों को छोडकऱ शेष सभी का भुगतान हो जाने का दावा के रहे हैं।

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