मॉब लिंचिंग : बच्चा चोर के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर औरत को उतारा मौत के घाट

मॉब लिंचिंग : बच्चा चोर के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर औरत को उतारा मौत के घाट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-23 13:10 GMT
मॉब लिंचिंग : बच्चा चोर के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर औरत को उतारा मौत के घाट

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (बैढ़न)। मोरवा थाना क्षेत्र में हैवानियत का एक ऐसा सनसनीखेज मामला ससामने आया है, जिसमें एक अज्ञात महिला को ग्रामीणों की भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया है। वारदात चार दिन पहले थाना क्षेत्र के ग्राम बडगड़ की है। यहां रात के समय के एक अज्ञात महिला भटकते हुए गांव में पहुंच गई थी। महिला की वेशभूषा और उसकी हरकतों से कुछ स्थानीय ग्रामीण इतने भयभीत हो उठे कि उन्हें उस पर बच्चा चोर होने का शक हो गया। लेकिन इस शक की पुष्टि होती कि इससे पहले गांव में महिला के बच्चा चोर होने की अफवाह आग की तरह फैल गई। इस दौरान रात के करीब 9 बजे अफवाह से भयभीत ग्रामीणों की खासी भीड़ मौके पर इकठ्ठा हो गई।

हैरान करने वाली बात यह है कि दो-चोर या छ: नहीं बल्कि काफी बड़ी संख्या में उमड़ी इस भीड़ में किसी ने यह समझने की कोशिश तक नहीं की कि यह महिला वाकई में बच्चा चोर है भी कि नहीं। नतीजा, भय के साए में आक्रोशित ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और सभी महिला को मारने पर उतारू हो गए। मौके पर जिसके भी हाथ में महिला आयी उसने उसे लात-घूंसे के साथ लाठी-डंडे से भी जमकर पीटा। खुद की जान जोखिम में पाकर अज्ञात महिला बचने की फिराक में भागने लगी। लेकिन उस बेसहारा की गुहार को हर किसी ने अनसुना कर दिया और उसका पीछा करते-करते भीड़ ने उसे एक बार फिर से सेटेलाइट स्कूल झपरहवा के पास घेर लिया। फिर इसके बाद जो हुआ वह मौत की दहलीज पर खड़ी अज्ञात महिला के साथ हैवानियत भरा सलूक था। इस अंधी हत्या की सच्चाई का पता चलने पर पुलिस वाले भी दंग रह गए। गत 19 जुलाई की इस वारदात का खुलासा सोमवार को मोरवा एसडीओपी डॉ. कृपाशंकर द्विवेदी और टीआई नरेन्द्र रघुवंशी ने मोरवा थाने में किया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच
इस अंधी हत्या में सबसे पहले मोरवा पुलिस को 20 जुलाई को ग्राम पंचायत कतरिहार के सचिव जगदीश सिंह आयाम द्वारा सूचना दी गई थी कि एक अज्ञात महिला का शव ग्राम बडगड़ के जंगल में पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस को प्रारंम्भिक जांच में मिला कि महिला के सिर पर गंभीर चोट लगी है, शरीर के अन्य हिस्सों में भी छोटी-बड़ी काफी ज्यादा चोटे हैं। इससे पुलिस को सबसे पहले शक मारपीट पर हुआ। महिला के शरीर के अनुसार उसकी उम्र करीब 25 से 30 वर्ष के बीच आंकी गई। इसके बाद टीआई मोरवा ने मामले की सूचना अपने उच्च अधिकारियों एसपी, एएसपी और एसडीओपी को दी। जिसके बाद एसपी रियाज इकबाल अन्य अधिकारियों के साथ रात में ही घटना स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे। एसपी के निर्देश पर इस अंधी हत्या की गुत्थी सुलझाने टीआई मोरवा के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई।

ऐसे गुत्थी सुलझी
अंधी हत्या की जांच करने गठित हुई मोरवा पुलिस की टीम घटना के दूसरे दिन जंगल में घटना स्थल से लेकर आसपास के एरिया की खाक छानती रही। आसपास के लोगों से पूछताछ भी की। कोई खास सुराग नहीं मिलने पर पुलिस का शक हुआ कि शायद बाहरी अज्ञात लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया होगा। लेकिन इसके बाद फिर से मोरवा, पुलिस ने आसपास के गांव के लोगों से पूछताछ की, जिसमें पुलिस को पहला सुराग मिला। पूछताछ में पता चला कि एक दिन पहले रात में गांव में काफी भीड़ इकठ्ठा हुई थी और भीड़ के निशाने पर एक महिला थी। फिर क्या था पुलिस ने एक-एक करके गांव के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी। जिसमें पुलिस को पता चला कि महिला को ग्रामीणों की भीड़ ने ही जान से मार दिया है। कुछ देर की मसक्कत के बाद पुलिस को आरोपियों के नाम भी पता चल गए और देरी नहीं करते हुए पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

 

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