झाबुआ: संगीता डामोर आत्मनिर्भता की ओर अग्रसर "सफलता की कहानी"

झाबुआ: संगीता डामोर आत्मनिर्भता की ओर अग्रसर "सफलता की कहानी"

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-11-23 09:46 GMT
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डिजिटल डेस्क, झाबुआ। झाबुआ जिले के रामा विकास खण्ड के ग्राम छापरी की संगीता डामोर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता था। वह स्व सहायता समूह से जूड़ कर बीसी का काम करने लगी। धीरे-धीरे उनकी आय में वृद्धि हुई और 4 माह पूर्व उनके द्वारा जो लेन-देन किया जाता था, उससे उन्हें 10 हजार 500 रूपयें की आय प्राप्त हो जाती थी। वर्तमान में उनके द्वारा 3 लाख 50 हजार से 4 लाख रूपये तक का लेन-देन किया जा रहा है। जिससे उनको 14 हजार से 16 हजार की मासिक आय प्राप्त हो रही है। 22 मार्च से 30 मई 2020 तक का बीसी के माध्यम से कुल 1655 ट्रान्जेक्शन तथा 48 लाख 40 हजार 20 रूपयें की राशि का लेन-देन कर रही हैं। उन्होने अपने संेटर को सुव्यवस्थित किया। साथ ही एक फोटो कॉफी मशीन, एक लेमीनेशन मशीन खरीद कर अपने व्यवसाय को बढ़ाने में लगी हैं। जिससे अपने बच्चे को प्राईवेट स्कूल में पढ़ाई करवा रही हैं। वह बीसी का कार्य करते हुए कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए साबुन व सेनेटाईजर का उपयोग करने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया। वह मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के माध्यम से कियोस्क बैंक का संचालन कर रही हैं। धीरे-धीरे वह आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भता की ओर अग्रसर हो रही है और अपने परिवार का पालन-पोषण अच्छी तरह से कर रही हैं। जिससे परिवार के सभी लोग इस कार्य से खुश हैं।

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