स्कूली बच्चे खतरनाक मोबाइल खेलों की गिरफ्त में , जान ले रहा पबजी

स्कूली बच्चे खतरनाक मोबाइल खेलों की गिरफ्त में , जान ले रहा पबजी

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-12 05:52 GMT
स्कूली बच्चे खतरनाक मोबाइल खेलों की गिरफ्त में , जान ले रहा पबजी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर में बड़ी संख्या में बच्चे व किशोर पबजी समेत खतरनाक और हिंसक ऑनलाइन खेलों की गिरफ्त में हैं। मनोचिकित्सक प्रो. राकेश कृपलानी के अनुसार पिछले छह माह में उनके पास इन गेम्स के लत की हद में पहुंच जाने के 30 से 35 मामले आए, इनमें आधे पबजी के थे। उन्होंने बताया कि गेम के कारण बच्चों में अत्याधिक आक्रामक व्यवहार, नियंत्रण के बाहर हो जाने, पढ़ाई में पिछड़ने, स्कूल नहीं जाने जैसी शिकायतें हैं। यहां तक कि साइबर साइकोलॉजी पर स्कूलों में वर्कशॉप लेने के दौरान 50 फीसदी बच्चों ने इस तरह के गेम्स खेलने की बात स्वीकार की है। इनमें 2 फीसदी लड़कियां भी शामिल हैं। सितंबर में पबजी खेलने की आदत से ग्रस्त एक लड़की ने आत्महत्या कर ली थी। 

ये हैं गेम के बढ़ते आकर्षण के कारण
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार बच्चों में इस तरह के खतरनाक गेम के प्रति बढ़ते आकर्षण के कई कारण हैं। इनमें ऑनलाइन दुनिया में उनके मन की उन इच्छाओं का पूरा होना, जो वास्तविक जीवन में नहीं पूरे हो पा रहे हों। इसके साथ जल्दी पैसा कमाने की ललक भी युवाओं को इस तरफ मोड़ रही है। पबजी जैसे गेम में करोड़ों रुपए जीतने की बातों से बच्चाें को लगता है कि कैरियर बनाने के लिए पढ़ाई करने से ज्यादा अच्छा है कि पबजी खेलकर कुछ ही समय में करोड़ों की रकम जीत ली जाए। इसके साथ ही परिवार में अच्छा माहौल नहीं होना, माता-पिता के अत्याधिक व्यस्त होने के कारण बच्चों का अकेलापन, सामाजिक मेल-जोल की कमी व किसी अन्य तरह का तनाव भी कारण होते हैं। इसके साथ ही दोस्तों के साथ भी इस आदत की गिरफ्त में आ जाते हैं।  

मोबाइल में कंट्रोलर एप जरूर रखें  
बच्चों को इस तरह के खतरनाक गेम्स से दूर रखने के लिए अभिभावकों काे कुछ एहतियात रखनी चाहिए। मोबाइल में कंट्रोलर एप रखें और बच्चे के उम्र के अनुसार सेट करें। इससे बच्चे की उम्र के उपयुक्त वीडियाे और गेम्स ही ऑन और डाउनलोड होंगे। बस मोबाइल में बैकिंग एप न रखें। अगर बैकिंग एप होगा, तो सीधे कनेक्ट होने का खतरा रहता है। इसके साथ ही परिवार में बातचीत खुशनुमा माहौल, माता-पिता के आपसी संबंध को अच्छा बनाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। बच्चों को किसी न किसी स्पोटर्स से जोड़ना चाहिए। 
-प्रो राकेश कृपलानी, मनोवैज्ञानिक

असली कारण यह...
रोमांच पैदा करने के लिए डेवलपर इन गेम्स में कई तरह के टास्क और चैलेंज भी देते हैंं, जिन्हें बच्चों को पूरा करना होता है। बच्चे गेम में इस तरह डूब जाते हैं कि उन्हें पूरा करने के लिए वे किसी हद तक चले जाते हैं।

रहें सावधान... 
बच्चों को मार-धाड़ और सुपर हीरो वाली वीडियो गेम्स काफी पसंद आती हैं। इससे भले ही बच्चों का कुछ देर के लिए मन बहल जाए, लेकिन लंबे समय के लिए यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।  

प्रधानमंत्री ने भी लिया संज्ञान
तेजी से बच्चों में लत बनकर फैल रहा पबजी गेम हिंसा, आक्रामकता और साइबर दबंगई को बढ़ावा देता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों से ‘परीक्षा पे चर्चा" के दौरान पबजी का उल्लेख किया था। जब एक मां ने कहा था कि बच्चा पढ़ाई नहीं करता तो पीएम मोदी ने पूछा था कि ‘क्या पबजी वाला है?"
 

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