जिलाबदर के चर्म रोग देखकर हाईकोर्ट ने दी जिले में प्रवेश की इजाजत

 जिलाबदर के चर्म रोग देखकर हाईकोर्ट ने दी जिले में प्रवेश की इजाजत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-25 08:08 GMT
 जिलाबदर के चर्म रोग देखकर हाईकोर्ट ने दी जिले में प्रवेश की इजाजत

डिजिटल डेस्क जबलपुर । बीते मार्च माह में जबलपुर कलेक्टर द्वारा जिलाबदर किए गए एक व्यक्ति के चर्म रोग देखकर हाईकोर्ट ने उसे इलाज कराने शहर की सीमा में प्रवेश करने की सशर्त इजाजत दे दी। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने मामले को संजीदगी से लेते हुए कलेक्टर को निर्देश दिए कि तत्काल ही याचिकाकर्ता का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। यदि वाकई याचिकाकर्ता को जांच की जरूरत होती है तो उसे एक माह के लिए शहर में प्रवेश करने दिया जाए, ताकि वह अपना इलाज करा सके। इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में मंगलवार शाम को याचिकाकर्ता की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद कलेक्टर ने याचिकाकर्ता को शहर में प्रवेश की इजाजत दे दी।
संक्रामक एवं गंभीर चर्मरोग हो गया
अमखेरा, जबलपुर निवासी श्याम सुंदर चौधरी की ओर से दायर इस याचिका में जिला कलेक्टर द्वारा 29 मार्च 2019 को जारी जिला बदर के आदेश को चुनौती दी गई है। आवेदक का कहना है कि पुराने अपराधों के आधार पर एसपी ने जिलाबदर की कार्रवाई की अनुशंसा की और फिर कलेक्टर ने एक साल के लिए उसे जिला बदर कर दिया, जो अनुचित है। मामले पर मंगलवार क हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अपने अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडे व अंचन पांडे के साथ हाजिर हुआ। श्री पाण्डेय ने आरोपी की शर्ट उठाकर बताया कि उसे संक्रामक एवं गंभीर चर्मरोग हो गया है, जिसका इलाज कराना काफी जरूरी है। मामले को संजीदगी से लेते हुए अदालत ने जबलपुर सीएमएचओ को निर्देश दिए कि वे याचिकाकर्ता की जांच कर कलेक्टर के सामने रिपोर्ट पेश करें। यदि याचिकाकर्ता को इलाज की जरूरत होती है तो कलेक्टर याचिकाकर्ता को जबलपुर शहर में प्रवेश देने पर विचार करें। अधिवक्ता श्री पाण्डे ने बताया कि रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कलेक्टर ने एक माह के लिए याचिकाकर्ता को इलाज के लिए शहर में आने-जाने की अनुमति प्रदान की।

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