अधूरे सिंचाई प्रकल्पों के लिए हाईपाॅवर कमेटी गठित करें - हाईकोर्ट में उठा मुद्दा
अधूरे सिंचाई प्रकल्पों के लिए हाईपाॅवर कमेटी गठित करें - हाईकोर्ट में उठा मुद्दा
डिजिटल डेस्क,नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में लोकनायक बापूजी अणे स्मारक समिति सदस्य अमृत दीवान ने जनहित याचिका दायर कर विदर्भ के अधूरे सिंचाई प्रकल्पों का मुद्दा उठाया है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में एक अर्जी दायर की, जिसमें कोर्ट को बताया गया कि सिंचाई प्रकल्पों को टाइप-1 से लेकर 4 तक विभाजित किया गया है। याचिकाकर्ता द्वारा टटोले गए दस्तावेजों और सरकारी शपथपत्रों पर गौर करने के बाद लगता है कि टाइप-2 से लेकर टाइप-4 तक के सभी प्रकल्पों के काम पर नजर रखने के लिए हाईकोर्ट को एक हाईपॉवर कमेटी का गठन करना चाहिए। कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता संस्था ने वर्ष 2012 में हाईकोर्ट में सिंचाई की समस्या पर केंद्रित जनहित याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने वीआईडीसी को विविध सिंचाई प्रकल्पों की मौजूदा स्थिति और उन्हें पूरा करने के लिए समयबद्ध शेड्यूल देने के आदेश दिए थे। वीआईडीसी ने कोर्ट में इससे जुड़ा शपथ-पत्र भी प्रस्तुत कर दिया था।
10 प्रतिशत कार्य भी नहीं हुआ
याचिकाकर्ता संस्था ने अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर कई बार विदर्भ के विविध सिंचाई प्रकल्पों का दौरा किया। इसमें यह निकल कर अाया कि हाईकोर्ट के आदेश को 4 साल से अधिक का वक्त बीच चुका है, मगर अब तक प्रकल्पों का 10 प्रतिशत कार्य भी पूरा नहीं हुआ। वीआईडीसी ने कोर्ट को दिया आश्वासन पूरा नहीं किया। तय समय पर सिंचाई प्रकल्पों के पूरा नहीं होने से विदर्भ का 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई से वंचित रह गया। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से वीआईडीसी को जल्द से जल्द निर्माणकार्य पूरा करने के आदेश जारी करने की प्रार्थना की है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अविनाश काले और एड. भारती दाभाडकर काले ने पक्ष रखा।
बाघ ने किया नीलगाय का शिकार
वनपरिक्षेत्र कोंढाली के चमेली उपवन के रिंगनाबोडी बीट के संरक्षित वन के वन कक्ष क्रमांक 112 में बुधवार को सुबह पांच बजे के दौरान बाघ ने नीलगाय (मादा) उम्र अंदाजन तीन साल पर हमला कर शिकार किया। चमेली उपवन के उपवन अधिकारी दिलीप ढवले तथा वनरक्षक अतुल नेहारे वन गश्त पर थे। मृत नीलगाय का पंचनामा किया गया। यह जानकारी उपवन अधिकारी दिलीप ढवले ने दी है।