शिवराज सरकार ने नकारात्मक कृषि विकास दर को 20 फीसद प्रचारित किया : मंत्री

शिवराज सरकार ने नकारात्मक कृषि विकास दर को 20 फीसद प्रचारित किया : मंत्री

IANS News
Update: 2019-11-22 10:30 GMT
शिवराज सरकार ने नकारात्मक कृषि विकास दर को 20 फीसद प्रचारित किया : मंत्री

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उनका आरोप है कि तत्कालीन सरकार ने ऋणात्मक (नकारात्मक) कृषि विकास दर को 20 प्रतिशत बताकर राज्य की जनता और किसानों के साथ विश्वासघात किया है।

राजधानी में अपने विभाग के 11 माह के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए यादव ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, तरक्की मुस्कुरा रही है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने सबसे बड़ा छल राज्य के किसानों के साथ किया। किसानों के नाम पर खुद की प्रसिद्घी का ढोल पीटा और किसानों को अभाव तथा निराशा के गर्त में धकेल दिया।

उन्होंने आरोप लगाया, देश भर में कहा गया कि मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर लगातार कई वर्षो से 20 से 24 प्रतिशत बनी हुई है। मगर हमारी सरकार आने के बाद सच्चाई सामने आई। वर्ष 2013-14 में कृषि विकास दर ऋणात्मक 1़ 9 प्रतिशत थी, 2014-15 में 1.3 प्रतिशत थी, 2015-16 में ऋणात्मक 4़1 प्रतिशत और 2017-18 में 0.1 प्रतिशत थी। इसका अर्थ साफ था कि किसान आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है।

उन्होंने आगे कहा, एक और बड़ा खुलासा मोदी सरकार ने 28 सितम्बर, 2018 को जारी एक रिपोर्ट में किया था कि मप्र में भाजपा सरकार के समय औसत तौर पर खेती का रकबा लगातार कम हो रहा है। सीमांत किसान की औसत जोत मात्र 0़ 49 हेक्टेयर रह गई है। वहीं खेती का रकबा 1़ 66 लाख हेक्टेयर कम हो गया है।

राज्य में सत्ता बदलाव के बाद आ रहे परिवर्तन का जिक्र करते हुए यादव ने बताया, कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का वचन दिया था। विरासत में मिली बेहद आर्थिक बदहाली के बावजूद किसानों की कर्जमाफी का एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया और जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत 2022731 किसानों के ऋण खातों का 7154़ 36 करोड़ रुपये का पहले चरण का कर्ज माफ किया तथा दूसरे चरण की ऋण माफी में 1202078 ऋण खाताधारक किसानों को लिया जा रहा है।

उन्होंने आगे बताया, मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा पांच मार्च, 2019 को जय किसान समृद्घि योजना लागू की गई, जिसके तहत रबी सीजन 2019-20 के लिए कृषि उपज मंडी एवं ई-उपार्जन केंद्र के माध्यम से किसान द्वारा विक्रय किए गए गेहूं पर 160 रुपये प्रति कुंटल प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया। इस योजना के तहत 92़ 67 लाख मीट्रिक टन गेहूं विक्रय करने वाले लगभग 11.79 लाख किसान 1463.42 करोड़ रुपये से लाभान्वित होंगे।

कृषि मंत्री यादव ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराने के मकसद से चलाए जा रहे शुद्घ के लिए युद्घ का भी ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा, अमानक खाद-बीज बेचने वालों के खिलाफ अभियान जारी है, कार्रवाई हो रही है। वहीं अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के मामले में केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है।

 

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