जिला परिषद की 29 स्कूलों में अभी भी लटक रहे हैं ताले, दूसरे गांव जाकर शिक्षा लेना बनी मजबूरी

जिला परिषद की 29 स्कूलों में अभी भी लटक रहे हैं ताले, दूसरे गांव जाकर शिक्षा लेना बनी मजबूरी

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-29 07:17 GMT
जिला परिषद की 29 स्कूलों में अभी भी लटक रहे हैं ताले, दूसरे गांव जाकर शिक्षा लेना बनी मजबूरी

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। राज्य के शिक्षा विभाग ने 10 से कम स्टूडेंट्स वाली स्कूलों को गत वर्ष बंद कर दिया था। जिसके तहत गोंदिया जिले की 31 शालाएं बंद कर दी गई थी। पटसंख्या बढ़ने पर स्कूल फिर से शुरू करने का आश्वासन शिक्षा विभाग ने दिया था, लेकिन इस वर्ष भी 29 गांव के विद्यार्थियों के लिए गांव की शालाओं के दरवाजे बंद पड़े हैं। जिससे जंगली रास्तों से गुजरते हुए जान जोखिम में डालकर विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए अन्य गांवों के शालाओं में जाना पड़ रहा है। 

बता दें कि जिला परिषद शालाओं में विद्यार्थी संख्या कम होने से उसका असर शासकीय खर्च एवं स्टूडेंट्स की गुणवत्ता पर होने का कारण बताते हुए राज्य की सैकड़ों शालाओं के गतवर्ष शासन ने ताले लगाए थे। जिसमें गोंदिया जिले की 31 शालाओं का समावेश था। उनमें से गराड़ा (गोरेगांव) एवं हलबीटोला (आमगांव), यह दो स्कूलें शुरू करने में अभिभावकों को सफलता मिली है। जबकि अन्य 29 शालाएं बंद पड़ी है। स्कूल को जब ताले लगने लगे तब अभिभावकों ने विरोध किया तो उन्हें आश्वासन दिया गया था कि स्टूडेंट्स बढ़ते ही गांव की स्कूल शुरू की जाएगी, लेकिन आज तक उनके ताले नहीं खुल सके हैं।

यहां के स्कूल पड़े बंद
बंद पड़ी हुई स्कूलों में अर्जुनी मोरगांव तहसील की जुनेवानी, जरुभाटा, सुरगांव, आदिवासीटोला, जांभड़ी/पोरका, सड़क अर्जुनी तहसील की डोंगरगांव, जरुघाटा, भोयरटोला, मुरपारटोला, चुदुरका, सलंगटोला, टेमनी, पांढरवानी, डव्वा, सालेकसा तहसील की शिकारीटोला, गुरुटोला, हेटीटोला/रामाटोला, सीतेपार, मरामजोब, आमगांव तहसील की ढिवरटोला, नवाटोला, वाघाटोला, चिंताटोला,  गोंडीटोला, गोरेगांव तहसील की हौसीटोला,  देवरी तहसील के खामतलाव, सरेगांव, दसरुटोला, नवाटोला स्कूल का समावेश है। इन गांवों के छोटे-छोटे  बच्चे ज्ञानार्जन के लिए पैदल आ जा रहे हैं। क्योंकि उन्हें स्कूल तक जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है।

एक ओर शासन अच्छी शिक्षा प्रदान करने की बात कर रहा है। वहीं दूसरी ओर गांव की शालाओं को बंद किया जा रहा है। जिससे यह ग्रामीण विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित रखने का षडयंत्र होने का आरोप लगाते हुए शासन के प्रति अभिभावकों ने नाराजगी व्यक्त की है। 

अभिभावकों ने की स्कूल शुरू करने की मांग 
इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के अधिकरियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि  हर गांव में शालाओं को  शुरू करने की मांग वहां के अभिभावक कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल विद्यार्थी संख्या को ध्यान में रखते हुए सिर्फ गराड़ा व हलबीटोला की स्कूलें शुरू की गयी है। अन्य शालाओं के प्रस्ताव भेजे गए हैं। इस संदर्भ में शिक्षाधिकारी उल्हास नरड़ से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, किन्तु उनसे संपर्क नहीं हो सका। 

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