इंजीनियरिंग से दूर हो रहे स्टूडेंट्स, बीई की जगह बीएससी को तरजीह

इंजीनियरिंग से दूर हो रहे स्टूडेंट्स, बीई की जगह बीएससी को तरजीह

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-26 06:59 GMT
इंजीनियरिंग से दूर हो रहे स्टूडेंट्स, बीई की जगह बीएससी को तरजीह

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  अखिल भारतीय तंत्र शिक्षा परिषद (एआईसीटई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2019-20 में महाराष्ट्र में बी.ई, बी.टेक की शिक्षा पूरी करने वाले 1 लाख 44 हजार 61 विद्यार्थियों में से महज 31 प्रतिशत यानी कुल 45 हजार 527 विद्यार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट मिल सका है। ऐसे में करीब 1 लाख विद्यार्थियों का कैंपस प्लेसमेंट से वंचित रह जाना इंजीनियरिंग शिक्षा के बुरे दौर को और पुख्ता करता है। यह स्थिति पिछले कुछ वर्षों जैसी ही बुरी है। शैक्षणिक सत्र 2017-18 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरे करने वाले प्रदेश के 1 लाख 51 हजार 191 विद्यार्थियों में से 26 प्रतिशत यानी कुल 39 हजार 841  विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिला था। इसके पहले  के कुछ वर्षों में भी स्थिति ऐसी ही रही है। 

देश में खराब स्थिति
देश में यह परिस्थिति तब निकल कर आ रही है, जब अक्टूबर माह के अंत में देश की बेरोजगारी की दर ने सर्वाधिक आंकड़ा छुआ है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार,  अक्टूबर में देश की बेरोजगारी दर 8.5 प्रतिशत के सर्वाधिक स्तर पर बढ़ गई थी, अगस्त 2016 के बाद अक्टूबर 2019 में देश मंे सर्वाधिक बेरोजगारी दर्ज की गई। इसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर डालें तो अक्टूबर में ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी की दर जहां 8.3% रही, वहीं शहरी क्षेत्रों में यह स्थिति और विकराल रही। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की अधिकतम दर 8.9% की थी। रिपोर्ट के अनुसार त्रिपुरा और हरियाणा में बेरोजगारी की दर सर्वाधिक (क्रमश: 27.2% और 23.4%) रही। बेरोजगारी दर बिहार में 12.7 % और महाराष्ट्र में 5.6 प्रतिशत दर्ज की गई।

जॉब मिलने के प्रतिशत में लगातार कमी
2009-10 में डिग्री पूरी करने के बाद 60 प्रतिशत इंजीनियर जॉब पाते थे। यह आंकड़ा लगातार नीचे आया है। वर्तमान में केवल 30 से 35 प्रतिशत इंजीनियर ही उसी साल नौकरी में आ पाते हैं, बाकियों को लंबा संघर्ष करना पड़ता है। जानकारों का मानना है कि इंजीनियरों की बड़ी संख्या को देखते हुए कंपनियों ने अपना रिक्रूटमेंट पैटर्न बदला है।

बीई की जगह बीएससी
कंपनियां बीई के बजाय बीएससी को तरजीह देने लगी हैं। कंपनियों की सोच है कि बीएससी पास 15 से 20 हज़ार रुपए में खुशी-खुशी अपने कैरियर की शुरुआत करता है, लेकिन इंजीनियर शुरुआत से ही बिना परफॉर्म किए अपनी ग्रोथ, इंक्रिमेंट की बातें करते हैं। इसके अलावा अनुभव लेने के बाद इंजीनियर के जॉब स्विच करने की प्रबल संभावना होती है। 

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