सुखसागर मेडिकल कॉलेज को राहत नहीं, छात्रों की शिफ्टिंग भी शुरु

सुखसागर मेडिकल कॉलेज को राहत नहीं, छात्रों की शिफ्टिंग भी शुरु

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-29 07:45 GMT
सुखसागर मेडिकल कॉलेज को राहत नहीं, छात्रों की शिफ्टिंग भी शुरु

डिजिटल डेस्क  जबलपुर। प्रदेश शासन की ओर से इनीशियल सर्टिफिकेट रद्द किए जाने के मामले में सुखसागर मेडिकल कॉलेज को हाईकोर्ट ने राहत नहीं मिल सकी है। जस्टिस संजय यादव तथा बीके श्रीवास्वत ने गुरुवार को कहा कि अगले सप्ताह में प्रकरण की अंतिम सुनवाई की जाएगी। इस बीच प्रदेश शासन ने कॉलेज के 148 छात्रों को दूसरे महाविद्यालयों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
सुख सागर मेडीकल कॉलेज की ओर से दाखिल किए गए मामले में राहत चाही गई है कि प्रदेश शासन की ओर से केंसल किए गए सर्टिफिकेट को बाहाल किया जाए। इसके अलावा छात्रों की किसी दूसरे कॉलेज में शिफ्टिंग की प्रक्रिया पर भी रोक लगाई जाए। गुरुवार को प्रकरण की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर राहत दिए जाने की प्रार्थना की गई कि प्रमाण पत्र बाहाल किया जाए साथ ही छात्रों की शिफ्टिंग को रोका जाए।  न्यायालय ने बगैर किसी तरह की राहत देते हुए मामले की अंतिम सुनवाई अगले सप्ताह के लिए निर्धारित कर दी। सुनवाई के दौरान मेडीकल यूनिवर्सिटी की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा, एमसीआई से इंद्रा नायर, शासन की तरफ से हिमांशु मिश्रा हाजिर हुए।
गौरतलब है कि जबलपुर के सुखसागर मेडिकल कॉलेज का इनीशियल सर्टिफिकेट राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया था। यह आदेश राज्य सरकार और मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा की गई जाँच के दौरान कॉलेज में कमियाँ पाए जाने के कारण जारी किया गया था। सर्टिफिकेट निरस्त होने के बाद कॉलेज में पढ़ रहे एमबीबीएस के छात्रों ने अपनी याचिकाएँ हाईकोर्ट में दायर की थीं। हाईकोर्ट ने कहा था कि वे सरकार के प्रमुख सचिव को आवेदन दें, जिस पर विधि अनुसार निर्णय लिया जाए। इसी बीच एमसीआई ने केन्द्र सरकार को एक पत्र भेजकर कहा कि वह सुखसागर कॉलेज के छात्रों को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने तैयार है, लिहाजा इस बारे में आवश्यक अनुमति दी जाए। एमसीआई के इसी पत्र को चुनौती देकर यह याचिका दायर की गई।

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