दिल्ली दंगा: ताहिर हुसैन का कबूलनामा- हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था, जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली दंगा: ताहिर हुसैन का कबूलनामा- हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था, जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-03 07:10 GMT
दिल्ली दंगा: ताहिर हुसैन का कबूलनामा- हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था, जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने यह कबूल किया है कि इसी साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में लोगों को भड़काने में उसका हाथ था। दिल्ली दंगों (Delhi Violence) की जांच में पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस के मुताबिक ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) ने दंगों में शामिल होने की बात स्वीकारते हुए ये भी कहा कि, वह हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था। वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान भी कुछ बड़ा करना चाहता था।

"दिल्ली हिंसा का मास्टरमाइंड ताहिर हुसैन"
बता दें कि, फरवरी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच हुए इस दंगे में कई लोगों की जान गई थी। दिल्ली पुलिस ने ताहिर का कबूलनामा जारी किया है। जिसमें और भी कई बड़े खुलासे हुए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल जांच टीम (SIT) की ओर से जारी कबूलनामे में लिखा है, वह अपने राजनीतिक ताकत और पैसे का इस्तेमाल कर हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था। उसने खुद को दिल्ली  हिंसा का मास्टरमाइंड बताया है।

खालिद सैफी और पीएफआई ने भी की मदद
ताहिर ने पुलिस को बताया है कि, वो 8 जनवरी को JNU के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद से शाहीन बाग स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के दफ्तर में मिले थे। दंगे के लिए कांच की बोतलें, पेट्रोल, तेज़ाब, पत्थर समेत अन्य सामान जमा करने का काम ताहिर हुसैन को सौंपा गया था, जो उसने अपने घर की छत पर इकट्ठा किए थे। पुलिस का दावा है, सरकारी कबूलनामे में ताहिर ने यह बात मानी है कि, उसके एक सहयोगी खालिद सैफी और पीएफआई ने भी इस हिंसा को अंजाम देने में मदद की।

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