अजब-गजब MP : छात्रवृत्ति घोटाले के दागी अफसर हुए प्रमोट

अजब-गजब MP : छात्रवृत्ति घोटाले के दागी अफसर हुए प्रमोट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-17 06:38 GMT
अजब-गजब MP : छात्रवृत्ति घोटाले के दागी अफसर हुए प्रमोट

डिजिटल डेस्क, भोपाल। MP में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में लोकायुक्त द्वारा आरोपी बनाये गये दर्जनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने की बजाए विभाग ने उन्हें जांच के दौरान ही प्रमोट कर दिया है। इनमें कुछ ऐसे हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद अपनी पेंशन भी स्वीकृत करवा चुके है। व्यापमं घोटाले की तरह ही MPभर में हुए एसीसी-एसटी छात्रवृत्ति घोटाले में आदिवासी विकास विभाग के करीब 50 से अधिक अधिकारियों के विरूद्ध जांच चल रही है। 2014 में इंदौर के बाद MP के विभिन्न जिलों में उजागर हुए छात्रवृत्ति घोटाले की लोकायुक्त जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है। इस बीच जबलपुर की सहायक आयुक्त अमरलता सोनकर सेवानिवृत्त होकर पेंशन प्राप्त कर रही है।

इसी तरह इंदौर में पदस्थ तत्कालीन सहायक आयुक्त जेपी यादव को होशंगाबाद उपायुक्त के पद पर पदोन्नत्ति दे दी गई है। इस मामले लोकायुक्त द्वारा इंदौर में ही 39 प्रकरण 2014 में दर्ज किये गये थे, जिनमें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती धाराएं लगाई गई, लेकिन अब तक न तो किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई न ही विभागीय तौर पर इस मामले में पहल। इनमें भोपाल में 10 प्रकरण और जबलपुर में पदस्थ अफसरों के विरूद्ध भी मामले दर्ज है।

लोकायुक्त ने अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्रवृत्ति गबन घोटाले के संबंध में प्राथमिक जांच 13 मई, 2014 शुरू की, जिसमें पाया गया कि जांच में घिरे अफसरों ने छात्रोंं का अपने कॉलेज में छलपूर्वक प्रवेश दर्शाकर शिक्षण शुल्क एवं छात्रवृत्ति की राशि संगमत होकर अवैध आर्थिक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई। इन अफसरों पर धारा 13(1)डी 13(2) पीसी एक्ट 1988 420, 120बी, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर फिलहाल विवेचना की जारी है।

इनके खिलाफ चल रही है जांच

आदिवासी विकास विभाग में पदस्थ अमरतला सोनकर सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त जबलपुर, जेपी यादव वर्तमान उपायुक्त होशंगाबाद, रंजना सिंह जिला संयोजक इंदौर, केके यादव क्षेत्र संयोजक इंदौर। इसी तरह आदिवासी विकास इंदौर में पदस्थ जूनियर एकाउंट आफिसर अनीता सक्सेना, सहायक संचालक वेद प्रकाश श्रीमाली इंदौर से नरेंद्र भोर सहायक वर्ग-2, भी जांच से घिरे है। इन अधिकारियों ने यूनियन बैंक आफ इंडिया, खजराना शाखा इंदौर, बैंक आफ इंडिया कस्तूरबा ग्राम इंदौर के बैंक अधिकारी से मिल कर छात्रवृत्ति की राशि में गड़बड़ी कर निकाली गई थी।

बैंक अधिकारी और कॉलेज प्रबंधक भी शामिल

इंदौर में कॉलेज और बैंक प्रबंधक भी मामले मे घिरे हुए और इसके विरूद्ध जांच चल रही है। इनमें रामअचल यादव, अक्षय तिवारी कैलाश जरमन, डॉ विवेक कापरे, हुकुम सिंह चौहान, रोहित सोलंकी, कमल हिरानी, नरेंद्र शर्मा, दिनेश गुर्जर, विजयपाल सिंह, आरए यादव, रवि प्रताप सिंह भदौरिया, सुषमा यादव, अभय पांडेय, विनोद भादेकर, शिखा हार्डिया, सुरेश सेठ, सुशील कसलीवाल, कुणाल कसलीवाल विवेक कापरे, सुनंदा मिमरोट, पूजा वर्मा, गौरव वर्मा, उर्मिला मिमरोट, कविता कासलीवाल, अजय वशिष्ठ, छागनलाल यादव, जितेंद्र व्यास, जयकुमार चौहान, निशांत पवार, रविप्रताप सिंह, हीरा डावर, शातिलाल झडगामा, जयंत कसलीवाल, कमल परिहार, नितेश विडवे, बनवारी निर्मेल, अयज हार्डिया, रविंद्र कुमार निगम, अर्जुन काजलिया, वन मुवेल,जगदीश ठाकुर, पप्पू मुवेल, केप्टन प्रकाश डोसी, सीमा मुजाल्दे, छाया सोलंकी, पूजा गोत्रे मधूसूदन परमार, पंकज शर्मा सहित अन्य लोगों के खिलाफ छात्रवृत्ति घोटेल की जांच की जा रही है।

आदिवासी विकास विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा ने कहा है कि मुझे मामले की पूरी जानकारी नहीं है, मैं मामले को दिखवाता हूं। इसके बाद कुछ कह पाऊंगा।

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