टीचर्स डे स्पेशल : टीचर की 'जादू की झप्पी' दूर करती है परेशानी

टीचर्स डे स्पेशल : टीचर की 'जादू की झप्पी' दूर करती है परेशानी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-05 04:29 GMT
टीचर्स डे स्पेशल : टीचर की 'जादू की झप्पी' दूर करती है परेशानी

डिजिटल डेस्क,भोपाल। फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई की "जादू की झप्पी" तो आपको याद ही होगी। फिल्म में संजय दत्त लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए जादू की झप्पी देता है। कुछ इसी तरह का काम नागदा स्कूल संचालिका कर रही है। अपनी एक अलग पहल के कारण उन्होंने एक रिकॉर्ड भी बना लिया है।

दरअसल उज्जैन जिले के नागदा में स्थित शारदा विद्या मंदिर में स्कूल संचालिका प्रीति जायसवाल के पास स्कूल की छात्राओं के परिजन यह शिकायत लेकर आते थे कि उनकी बेटियां पढ़ाई-लिखाई से लेकर अपनी निजी परेशानी साझा नहीं करती है। इसी समस्या को सुलझाने के लिए शिक्षिका ने काफी कोशिश की। सफलता नहीं मिलते देख उन्होंने छात्राओं को गले लगाकर उनसे बाते करना शुरू कर दिया। इसके बाद देखते ही देखते स्कूल की सारी छात्राएं अपनी टीचर की सहेलियां बन गई और सभी परेशानियां साझा करने लगी।

जब शिक्षिका का यह प्रयोग कुछ समय पहले अहमदाबाद की जीनियस फाउंडेशन नामक संस्था के संज्ञान में आया तो संस्था की टीम बीते शुक्रवार को नागदा पहुंची। इसके बाद नागदा के सभी गणमान्य लोगों के सामने स्कूल संचालिका ने स्कूल परिसर में इस पहल को एक मिनट 111 छात्राओं पर आजमाकर दिखाया जो रिकॉर्ड बन गया। शिक्षिका की इस पहल को वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया टीम ने सम्मानित किया है।

स्कूल संचालिका प्रीति जायसवाल का कहना है कि वर्तमान में शिक्षक और स्टूडेंट्स के बीच दूरिया इतनी बढ़ गई है कि वो किसी की बात नहीं मानते। काफी समझाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ तो छात्राओं को गले लगाकर समझाया जिसके कारण सभी छात्राएं घुल मिल गई है।अहमदाबाद वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया के प्रतिनिधि पावन सोलंकी ने कहा कि पहले एक मिनट में 78 लोगों को गले लगाने का रिकॉर्ड पंजाब के एक युवक के नाम पर था, लेकिन अब नागदा की स्कूल संचालिका प्रीति जायसवाल ने एक मिनट में 111 छात्राओं को लगे लगाने का रिकॉर्ड बनाया है जो वर्ल्ड में सर्वाधिक संख्या है। इसलिए उन्हें इस रिकॉर्ड के लिए नामित किया गया है।
 

टीचर्स का स्टूडेंट्स को गिफ्ट, LNCT वर्ल्ड स्कूल का आयोजन
सामान्य तौर पर टीचर्स डे के मौके पर विद्यार्थी अपने शिक्षकों के सम्मान के लिए कोई न कोई आयोजन करते हैं,लेकिन टीचर्स डे की पूर्व संध्या पर LNCT वर्ल्ड स्कूल में शिक्षकों ने स्टूडेंट्स के लिए रोचक एक्टिविटी आयोजित की। कोशिश थी कि इंटरनेट, मोबाइल फोन और कम्प्यूटर की वजह से डिजीटल वर्ल्ड में खो रहे बच्चों को स्टोरी टेलिंग और रीडिंग हैबिट की ओर वापस ले जाएं। इस दौरान स्कूल में सिलेबस की किताबों की जगह प्रत्येक कक्षा में बच्चों को जाने-माने राइटरों की पुस्तकों को पढ़ाया। साथ ही उन्हें बुक्स रीडिंग से होने वाले फायदों के बारे में भी बताया गया।

स्कूल की निदेशक पूजा चौकसे ने इस पहल के बारे में बताया कि आज के दौर में बच्चे अपनी पढ़ाई से लेकर अन्य जानकारियों के लिए इंटरनेट पर आश्रित होते जा रहे हैं जिससे उनमें बुक्स रीडिंग की आदत खत्म हो रही है। इसका असर उनके इमेजिनेशन और क्रिएटिविटी पर पड़ रहा है। वे किसी भी चीज में दिमाग लगाने से बेहतर इंटरनेट की मदद लेना ज्यादा पसंद करते हैं। किताबों को पढ़ना, चिंतन व मनन करने पर वे विषयों की गहराई तक जा सकते हैं जिससे न केवल उनका ज्ञान बढ़ सकता है बल्कि वे ज्यादा आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बन सकते हैं। यही वजह है कि LNCT वर्ल्ड स्कूल में बुक्स रीडिंग नियमित अध्ययन के रूप से शामिल किया गया है।

 

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