वित्त मंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करने के लिए 73,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की

वित्त मंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करने के लिए 73,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-10-13 10:02 GMT
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डिजिटल डेस्क, दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 महामारी के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के बाद आर्थिक सुस्‍ती से लड़ने के प्रयासों के तहत आज यहां अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करने के लिए 73,000 करोड़ रुपये के उपायों की घोषणा की। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर, वित्त सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय, वित्तीय सेवा विभाग में सचिव श्री देबाशीष पांडा और आर्थिक कार्य विभाग में सचिव श्री तरुण बजाज भी इस प्रोत्साहन (स्टिमुलस) पैकेज की घोषणा के दौरान उपस्थित थे। मांग बढ़ाने में सहायक इस प्रोत्साहन (स्टिमुलस) पैकेज की घोषणा करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा, ‘ऐसे संकेत मिले हैं कि सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की भी बचत में अच्‍छी-खासी वृद्धि हुई है और हम विभिन्‍न वस्‍तुओं एवं सेवाओं की मांग को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के लोगों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं, ताकि कम भाग्यशाली व्‍यक्तियों का भी भला हो सके।’ वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि यदि आज घोषित किए गए प्रोत्साहन (स्टिमुलस) उपायों की बदौलत विभिन्‍न वस्‍तुओं एवं सेवाओं की मांग बढ़ती है, तो इसका सकारात्‍मक प्रभाव उन लोगों या कारोबारियों पर भी पड़ेगा जो कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और जो अपने व्यवसाय को निरंतर जारी रखने के लिए विभिन्‍न वस्‍तुओं एवं सेवाओं की मांग बढ़ने का इंतजार बड़ी बेसब्री से कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने इस विचार पर जोर दिया कि आज का समाधान कल की समस्या का कारण नहीं बनना चाहिए। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार देश के आम नागरिकों पर भविष्य की महंगाई का बोझ नहीं डालना चाहती और सरकारी कर्ज को भी अस्थायी रास्ते पर नहीं धकेलना चाहती है। वित्त मंत्री द्वारा आज जो प्रस्ताव पेश किए हैं, वे वित्तीय रूप से बहुत किफायती ढंग से खर्च को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किए गए हैं। इनमें कुछ प्रस्ताव बाद में ऑफसेट परिवर्तनों के जरिए खर्च को आगे बढ़ाने या शुरुआती खर्च को लेकर हैं, जबकि अन्य प्रस्ताव जीडीपी में वृद्धि से सीधे जुड़े हुए हैं। श्रीमती सीतारमण द्वारा की गई वर्तमान घोषणा कोविड-19 द्वारा पैदा की गई आर्थिक मंदी का मुकाबला करने में भारत सरकार के सक्रिय हस्तक्षेप को दिखाती है। इनका विवरण निम्नानुसार हैं: - उपभोक्ता खर्च अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी)नकद वाउचर योजना वित्त मंत्री ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा, “एलटीसी नकद वाउचर योजना का लाभ उठाने में कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा प्रोत्साहन यह है कि 2021 में पूरे होने वाले चार साल के ब्लॉक में एलटीसी का लाभ नहीं उठाया गया तो वो समाप्त हो जाएगी, और ये दरअसल कर्मचारियों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। वे इससे वो सामान खरीद सकते हैं जो उनके परिवार के काम आ सकता है।” केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 4 साल के ब्लॉक में एलटीसी मिलता है जिसमें वेतनमान / पात्रता के अनुसार हवाई या रेल किराए की प्रतिपूर्ति की जाती है और इसके अलावा 10 दिनों के छुट्टी नकदीकरण (वेतन डीए) का भुगतान किया जाता है। लेकिन कोविड-19 के कारण कर्मचारी लोग 2018-21 के वर्तमान ब्लॉक में एलटीसी का लाभ उठाने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए सरकार ने 2018-21 के दौरान एलटीसी के बदले नकद भुगतान देने का फैसला किया है, जिसमें शामिल होगा:छुट्टी नकदीकरण पर पूर्ण भुगतान और पात्रता की श्रेणी के आधार पर 3 फ्लैट-दर वाले स्लैब में किराए का भुगतान किराया भुगतान कर मुक्त होगा इस योजना का उपयोग करने वाले कर्मचारी को 31 मार्च 2021 से पहले किराए के मूल्य का तीन गुना और छुट्टी नकदीकरण के मूल्य का एक गुना सामान / सेवाएं खरीदनी होंगी। 

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