जादू-टोना के शक पर भतीजे ने ही की थी आदिवासी दम्पति की हत्या
आरोपी गिरफ्तार, बके से हमला कर उतारा था मौत के घाट, फिर झोपड़ी में लगा दी थी आग जादू-टोना के शक पर भतीजे ने ही की थी आदिवासी दम्पति की हत्या
डिजिटल डेस्क जबलपुर। बरगी थाना क्षेत्र के ग्राम चौरई में हुई आदिवासी दम्पति की दोहरी हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। हत्या के पीछे जादू-टोना करने का शक था, वारदात को अंजाम देने वाला मृतक किसान के छोटे भाई का बेटा है, जिसे पुलिस ने िगरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने सोते समय दम्पति पर बके से ताबड़तोड़ हमले करके उन्हें मौत के घाट उतारा था और फिर झोपड़ी में आग लगा दी थी।
उल्लेखनीय है िक 10 जनवरी की सुबह चौरई िनवासी सुमेर िसंह कुलस्ते 60 वर्षीय और उसकी पत्नी सिया बाई 55 वर्षीय अपने खेत में बनी झोपड़ी के अंदर जली हालत में मृत मिले थे। घटना को लेकर एसपी िसद्धार्थ बहुगुणा के िनर्देश पर एएसपी ग्रामीण शिवेश िसंह बघेल, सीएसपी बरेला अपूर्वा किलेदार और बरगी टीआई रीतेश पांडे के मार्गदर्शन में कई टीमें लगातार जाँच कर रही थीं। रविवार को पीएम िरपोर्ट में मौत का कारण धारदार हथियार से सुमेर और सिया की हत्या होना सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज किया था।
वारदात के बाद से गायब था आरोपी
एएसपी िशवेश िसंह बघेल ने बताया कि मामले में शुरू से ही हत्या का शक था, इसलिए हर पहलू पर जाँच चल रही थी। वारदात के बाद मृत दम्पति के सभी िरश्तेदारों से पूछताछ हुई थी लेकिन उनका भतीजा 27 वर्षीय दयाराम कुलस्ते घटना के बाद से ही गायब था इसलिए उसकी लगातार तलाश की जा रही थी। दयाराम बरेला के एक गाँव में मिला, जिसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने हत्या करना कबूल कर लिया।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
आरोपी दयाराम ने पुलिस को बताया िक उसके बड़े पिताजी सुमेर कुलस्ते जादू-टोना करते थे। उसे शक था कि सुमेर सिंह ने उस पर एवं उसके परिवार पर भी जादू-टोना किया है, जिसके कारण वह और उसका परिवार आर्थिक रूप से परेशान रहता है। दयाराम बकरी पालन करता था लेकिन सुमेर उसे बकरियाँ चराने के लिए अपने खेत से गुजरने भी नहीं देता था इसलिए उसके मन में यह बात आई कि जब तक उसके बड़े िपता िजंदा रहेंगे, उसके अच्छे िदन नहीं आएँगे। दयाराम ने योजना बनाई और 9 जनवरी की रात वह बका लेकर झोपड़ी में पहुँचा, जहाँ सुमेर और िसया सो रहे थे। उसने दोनों पर बके से दनादन हमला करके उन्हें मार िदया। इसके बाद उसने झोपड़ी में आग लगा दी और वहाँ बंधे मवेशियों की रस्सियाँ काटकर उन्हें भगा िदया था।