स्कूल पहुंच मार्ग के लिए जारी आदेश का 9 वर्ष बाद भी नहीं हो सका पालन
ननि और शिक्षा विभाग के अधिकारी एक-दूसरे को बता रहे जिम्मेदार स्कूल पहुंच मार्ग के लिए जारी आदेश का 9 वर्ष बाद भी नहीं हो सका पालन
डिजिटल डेस्क,कटनी। शिक्षा विभाग और नगर निगम के बीच इस तरह से ऑफिस-ऑफिस का खेल खेला गया कि स्कूल पहुंच मार्ग के आदेश का पालन 9 वर्ष बाद भी नहीं हो सका। शासकीय पुरवार हाईस्कूल में अध्ययनरत 175 विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने फिर से पत्राचार का राग अलाप रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह स्कूल नगर निगम के क्षेत्र में है। पहुंच मार्ग बनाने का काम नगर निगम का है। इसलिए वे इस संबंध में पत्र ही लिख सकते हैं। पिछले कई वर्षों से पत्र लिखा जा रहा है। दूसरी तरफ नगर निगम के पास वही पुराना बहाना है कि अवैध कॉलोनी के अंदर से वे सडक़ नहीं बना
सकते। इस तरह से नगर निगम और शिक्षा विभाग के बीच फंसे कानूनी पेंच में विद्यार्थियों के हिस्सों में कच्ची सडक़ ही है।
27 लाख का बना था इस्टीमेट
दो वर्ष पहले जब विद्यार्थी खराब सडक़ को लेकर आंदोलित हो गए थे तो शिक्षा विभाग ने ऑनन-फानन में 27 लाख का स्टीमेट बनाकर नगर निगम को सौंपा था। जिसमें नगर निगम का यह जवाब रहा कि मध्यप्रदेश भू-कॉलोनी अधिनियम के तहत वे सिर्फ वैध कॉलोनी में सडक़, नाली या फिर अन्य विकास कार्य कर सकते
हैं। जिसके बाद सभी के उम्मीदों में पानी फिर गया। विद्यार्थियों का कहना है कि नगर निगम को अवैध कॉलोनी बनाने वाले पर कार्यवाही करने का अधिकार है। इसके बावजूद वह जिम्मेदार पर मेहरबान है।
कलेक्टर के द्वारा भी की गई थी पहल
कार्यालय कलेक्टर (शिक्षा) द्वारा इस संबंध में सडक़ की पहल की गई थी। इसके लिए 2013-14 में 23 दिसम्बर 13 को पत्र लिखा गया था। छह वर्ष तक पत्र में किसी तरह की सार्थक पहल नहीं हुई। जिसके बाद 2019 में भी पत्र लिखा गया। पिछले नौ वर्षों के अंतराल में कई बार पत्र लिखा जा चुका है। बारिश के चार माह में सडक़ की दुर्दशा इस तरह से हो जाती है कि छात्राओं को कीचड़ भरे मार्ग से ही आनाजाना पड़ता है। इस स्कूल का निर्माण वर्ष 2011 में हुआ था। तब से लेकर अब तक यहां पर अध्ययनरत विद्यार्थियों को सडक़ के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके बावजूद सार्थक पहल को लेकर प्रशासनिक और जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं दिखाई दे रहे।
इनका कहना है
शासकीय कन्या पुरवार हाई स्कूल में पहुंच मार्ग की स्थिति खस्ताहाल है। इस संबंध में नगर निगम के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा गया है। यह मामला कलेक्टर के भी संज्ञान में है। सडक़ निर्माण के लिए शिक्षा विभाग के पास अलग से बजट नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत और नगरीय क्षेत्रों में इस तरह के कार्य संबंधित नगर परिषद के द्वारा किया जाता है।
- अभय जैन, जिला समन्वयक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कटनी