ऑनलाइन शॉपिंग की आड़ में ठगी करने वाला गिरफ्तार, पीड़ित से जमा कराए 56900 रुपए

ऑनलाइन शॉपिंग की आड़ में ठगी करने वाला गिरफ्तार, पीड़ित से जमा कराए 56900 रुपए

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-01 11:51 GMT
ऑनलाइन शॉपिंग की आड़ में ठगी करने वाला गिरफ्तार, पीड़ित से जमा कराए 56900 रुपए

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढ़न)। आप मिंत्रा ऑनलाइन से शॉपिंग करने पर लकी कस्टमर चुने गए हैं और आपने 265000 रुपए जीते हैं। यह सुनने के बाद कौन नहीं खुश होगा। कुछ ऐसा ही हुआ वैढ़न थाना क्षेत्र के रिलायंस टाउनशिप निवासी सत्यप्रिय के साथ। लेकिन इसके बाद उनके साथ जो हुआ, उसे भुला पाना शायद उनके लिए भी आसान नहीं होगा। दरअसल, सत्यप्रिय ने गत दिवस मिंत्रा ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से शॉपिंग की थी। इसके बाद उनके पास एक फोन आया। जिसमें सत्यप्रिय से कहा गया कि आप मिंत्रा ऑनलाइन शॉपिंग के लकी कस्टमर चुने गए हैं इसलिए आपको मिलते हैं 265000 रुपए, लेकिन इसके लिए आपको कुछ रकम जमा करनी पड़ेगी।

इतनी बड़ी रकम मिलने के चक्कर में सत्यजीत ने बिना सोचे-समझे फोन करने वाले द्वारा दिए गए आईडीबीआई बैंक के खाता क्रमांक 2066102000001069 में थोड़ा-थोड़ा करके 56900 रुपए जमा कर दिया। लेकिन इसके बाद जब पता चला कि उन्हें चपत लग गई है तो उनके होश उड़ गए। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत 26 अगस्त को वैढ़न थाने में की। पुलिस ने भी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पड़ताल शुरू की और साइबर सेल भी आरोपियों की खोजबीन में जुट गई।

आरोपी बिहार से गिरफ्तार
साइबर क्राइम की इस बड़ी वारदात का खुलासा शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने एसपी ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस में आयोजित कर किया। उन्होंने बताया कि कई दिनों के मशक्कत के बाद पुलिस को पता चला कि आरोपी बिहार के लकीसराय का रहने वाला है। जिसके बाद पुलिस ने वहां जाकर आरोपी को धरदबोचा। उन्होंने बताया कि आरोपी का नाम बाल्मीकि कुमार उर्फ विकास पिता धानेश्वर शर्मा 48 वर्ष निवासी ग्राम शाहपुर जिला लकीसराय बिहार है।

देशभर में 75 लोगों को बना चुका है शिकार
एसपी श्री इकबाल ने बताया है कि वैढ़न पुलिस की गिरफ्त में आया यह आरोपी काफी शातिर है। उसने सिंगरौली ही नहीं बल्कि देशभर से अब तक करीब 75 लोगों को अपना शिकार बनाकर करीब 14 रुपए ठगे हैं। इसकी जानकारी जांच के दौरान उसके बैंक खाते की डिटेल से मिली है।

कप्तान ने कहा, खुद अलर्ट रहें
श्री इकबाल ने कांफ्रेंस में कहा है कि ऐसे वारदातों की जानकारी होने के बाद जनता को अलर्ट रहना चाहिए। अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड, ओटीपी नंबर आदि ऐसी जानकारियां किसी से साझा बिल्कुल नहीं करें। अगर ऐसा कुछ किसी के साथ होता भी है तो बिना देर किये पुलिस को सूचित करें, जिससे कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द कार्रवाई कर पैसे दिलाये जा सकें या फिर आरोपी तक पहुंचा जा सके।

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