42.86 करोड़ की बकायेदारी पर रिलायंस कोल माइंस को अल्टीमेटम, 3 मार्च की रात 12 बजे के बाद बंद हो जाएगा खनन

42.86 करोड़ की बकायेदारी पर रिलायंस कोल माइंस को अल्टीमेटम, 3 मार्च की रात 12 बजे के बाद बंद हो जाएगा खनन

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-28 12:49 GMT
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डिजिटल डेस्क सिंगरौली। वन भूमि में कोयले के उत्खनन के बाद भी अभिवहन शुल्क के 42 करोड़ 86 लाख 80 हजार की बकायेदारी पर डीएफओ ने रिलायंस कोल माइंस अमलोरी और मुहेर के महाप्रबंधक को अल्टीमेटम जारी किया है। डीएफओ ने परियोजना के महाप्रबंधक को नोटिस जारी करते हुये बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर रिलायंस को हस्तांतरित खदान में प्रवेश प्रतिबंधित करने के निर्देश दिये हैं। आरोप है कि अभिवहन शुल्क के लिये कई माह से लगातार वन विभाग द्वारा महाप्रबंधक को सूचना दिये जाने के बाद भी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है। इसके चलते डीएफओ ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुये अब सख्त कार्रवाई के संकेत दिये हैं। डीएफओ ने बताया कि यदि कंपनी प्रबंधन द्वारा 3 मार्च 2021 तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो वन क्षेत्र में हस्तांतरित की गई मुहेर और अमलोरी की खदानों में रात 12 बजे के बाद रिलांयस प्रबंधन का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जायेगा।
5 माह से फॉरेस्ट को दिखाया ठेंगा-
वन परिक्षेत्र में संचालित कोल खदानों में कंपनी द्वारा अंधाधुंध उत्खनन किये जाने के बाद भी पांच माह से फॉरेस्ट को ठेंगा दिखाये जाने की जानकारी सामने आई है। बताया जाता है कि रिलायंस द्वारा लगातार कोल का उत्खनन करने पर वन विभाग ने बकाया राशि ब्याज सहित वसूलने के लिये कार्रवाई शुरू कर दी है। डीएफओ ने बताया कि यदि कंपनी द्वारा निर्धारित समय सीमा में बकाया अभिवहन शुल्क का भुगतान नहीं कराया गया तो माइंस को बंद करा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि कंपनी को राशि जमा करने के लिये आखिरी मौका दिया गया है। यदि निर्धारित समय-सीमा में कंपनी द्वारा राशि जमा नहीं की जाती तो वन क्षेत्र की जमीन पर कोल के उत्खनन पर रोक लगा दी जायेगी।
पीसीसीएफ को भेजी सूचना-
रिलायंस के खिलाफ कार्रवाई करते हुये डीएफओ ने इसकी सूचना पीसीसीएफ को भेजी है। उन्होंने बकाया राशि जमा नहीं करने पर खदान को बंद कराये जाने के संबंध में कलेक्टर को भी अवगत करा दिया है। डीएफओ ने बताया कि कंपनी से लगातार पत्राचार और दूरभाष में बकाया राशि जमा करने की कई बार सूचना दी गई है। आरोप है कि वन विभाग की सूचना के बाद भी कंपनी प्रबंधन द्वारा सरकारी आदेशों की अवहेलना कर रहा है। रिलायंस द्वारा वन विभाग के आदेशों की अवहेलना करने पर डीएफओ ने कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की रणनीति तैयार की है।
65 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन-
वन विभाग की जानकारी के अनुसार रिलायंस ने पिछले पांच माह के दौरान 65 लाख मीट्रिक टन से अधिक कोयले का उत्पादन किया है। वन भूमि से लगातार कोल के उत्खनन के बाद भी अभिवहन शुल्क प्रतिमाह जमा नहीं किया गया है। डीएफओ ने बताया कि कंपनी द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की अवहेलना करने पर अब रिलायंस को सबक सिखाया जायेगा। उन्होंने कहाकि कंपनी प्रबंधन को अब बकाया राशि जमा करने के लिये और मोहलत नहीं दी जायेगी। यदि कंपनी द्वारा 3 मार्च तक 42 करोड़ 86 लाख की राशि जमा नहीं की जाती है तो सीधे वन क्षेत्र में कोल खनन को प्रतिबंधित कर दिया जायेगा।
इनका कहना है-
सासन पावर को पत्र और दूरभाष के माध्यम से अभिवहन व्यय की राशि जमा करने के संबंध में कई बार सूचित किया गया। इसके बाद भी सासन पावर के महाप्रबंधक द्वारा वनभूमि में कोल के खनन के बाद भी बकाया राशि जमा नहीं की गई है। यदि 3 मार्च तक रिलायंस द्वारा बकाया राशि जमा नहीं की जाती है तो रात्रि 12 बजे के बाद वनभूमि में कोल का खनन प्रतिबंधित कर दिया जायेगा।
-विजय सिंह, डीएफओ

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