गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत अब तक लगभग 32 करोड़ श्रमदिवस रोजगार सृजित किए गए हैं

गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत अब तक लगभग 32 करोड़ श्रमदिवस रोजगार सृजित किए गए हैं

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-10-13 10:01 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। ग्रामीण विकास मंत्रालय गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत अब तक लगभग 32 करोड़ श्रमदिवस रोजगार सृजित किए गए हैं और 31,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं बड़ी संख्या में ढांचे तैयार किए गए हैं; 2,123 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की गई, 21,595 अपशिष्ट प्रबंधन कार्य किए गए और 62,824 उम्मीदवारों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया Posted On: 12 OCT 2020 4:44PM by PIB Delhi ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान (जीकेआरए) को गांवों में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में प्रभावित नागरिकों और कोविड​​-19 के प्रकोप के मद्देनजर, 6 राज्यों के अपने पैतृक गांवों में लौट आए प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। यह अभियान इन राज्यों के 116 जिलों में आजीविका के अवसरों के साथ ग्रामीणों को सशक्त बना रहा है। 15वें सप्ताह तक, कुल लगभग 32 करोड़ श्रम दिवसों के बराबर रोजगार उपलब्ध कराया गया है और 31577 करोड़ रुपये अब तक अभियान के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए खर्च किए गए हैं। बड़ी संख्या में ढांचों का निर्माण किया गया है जिनमें 1,32,146 जल संरक्षण संरचनाएं, 4,12,214 ग्रामीण घर, 35,529 मवेशी शेड, 25,689 खेत तालाब और 16,253 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण शामिल है। जिला खनिज निधि के माध्यम से 7,340 कार्य किए गए हैं, 2,123 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की गई है, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित कुल 21,595 काम किए गए हैं, और 62,824 उम्मीदवारों को कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। अभियान की सफलता को अब तक 12 मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों के सम्मिलित प्रयासों के रूप में देखा जा सकता है, जो प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण समुदायों को अधिक मात्रा में लाभ प्रदान कर रहे हैं। उन लोगों के लिए जो अपने गृह नगर में वापस आकर नौकरी और आजीविका पाना चाहते हैं, उनके लिए यह दीर्घकालीन पहल की गई है। 

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