केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आईआईटी जोधपुर में इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर और खेल परिसर का वर्चुअल उद्घाटन किया

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आईआईटी जोधपुर में इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर और खेल परिसर का वर्चुअल उद्घाटन किया

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-10-17 09:47 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज एक ऑनलाइन समारोह में आईआईटी जोधपुर के स्थायी परिसर में इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। केन्द्रीय जल मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे ने क्रमश: सम्मानित अतिथि (गेस्ट ऑफ ऑनर) और विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। इसमें डॉ. आर चिदंबरम, अध्यक्ष, बीओजी, आईआईटी जोधपुर भी मौजूद रहे। अपने संबोधन में श्री पोखरियाल ने इस बात पर संतोष और खुशी जताई कि संस्थान ने सुंदर परिसर बनाने के लिए आवंटित 850 एकड़ की जमीन का सही से उपयोग किया है और जीआरआईएसए 5 स्टार रेटिंग हासिल की है। उन्होंने बताया कि आज जिस खेल परिसर का उद्घाटन किया गया है, उसमें अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, बास्केट बॉल, टेनिस कोर्ट, एथलेटिक्स ट्रैक, वॉलीबॉल, योगा ग्राउंड और कबड्डी कोर्ट जैसी सभी महत्वपूर्ण खेलों के लिए सुविधाएं मौजूद हैं। यह खेल परिसर निश्चित रूप से जोधपुर और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल में रुचि और खेल के स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा। मंत्री ने कहा कि आईआईटी जोधपुर, नवाचार को परिपक्व बनाने वाले स्टार्ट-अप्स को संभावित व्यावसायिक उपक्रमों में बदलने के लिए अनुसंधान से आविष्कार तक एक पूर्ण नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र (इको-सिस्टम) बनाने में सक्षम है। नए दौर के उपक्रमों के समूह की शुरुआत के लिए आईआईटी जोधपुर ने अपने कैंपस में एक इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर की स्थापना की है। इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर इस इको-सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तकनीकी परिदृश्य में परिवर्तन लाने के लिए वैज्ञानिक खोजों या अर्थपूर्ण इंजीनियरिंग नवाचारों के दोहन करने वाले स्टार्टअप्स/उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए गंभीर तकनीकी नवाचारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। मंत्री को यह जानकर खुशी हुई कि एआई, आईओटी और 5जी को एकीकृत करके अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी विकसित करना इस केंद्र का केंद्रीय विषय (फोकल थीम) है, जो स्वास्थ्य, कृषि, साइबर-सुरक्षा, विनिर्माण और धातु प्रसंस्करण उद्योगों सहित अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि संस्थान (आईआईटी जोधपुर) ने आसपास के शैक्षणिक संस्थानों, राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान प्रयोगशालाओं और जोधपुर के स्थानीय उद्योगों की मदद से जोधपुर सिटी नॉलेज एंड इनोवेशन क्लस्टर (जेसीकेआईसी) स्थापित किया है जो क्षेत्र की कुछ बड़ी समस्याओं का समाधान करके उद्यमियों के विकास में निश्चित तौर पर मदद करेगा। शुरुआत में क्लस्टर में तीन बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्रों- चिकित्सा प्रौद्योगिकी, शिल्प, जल प्रबंधन व प्रशासन, पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने संस्थान द्वारा उन्नत भारत अभियान कार्यक्रम की दिशा में उठाए गए विभिन्न कदमों की सराहना की। उन्होंने प्रकाश डाला कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, थ्री डी प्रिंटिंग, बिग डेटा एनालिसिस और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक तकनीक के विकास में योगदान करेगी और देश को विश्व का नेतृत्वकर्ता बनने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने कहा कि बहु-विषयी नवाचार के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान निधि बनाने की आवश्यकता है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यक्रमों का भी हिस्सा है। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षाविदों का सामूहिक प्रयास आईआईटी को बहु-विषयी उच्च शिक्षा केंद्र बनाने की तरफ ले जाएगा। मंत्री ने इस बात की भी सराहना की कि आईआईटी जोधपुर ने अपने पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बनाने की दिशा में बहुत से कदम उठाए हैं। आईआईटी जोधपुर द्वारा एम्स जोधपुर के साथ संयुक्त रूप से मेडिकल टेक्नोलॉजी पर शुरू किया गया कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है। अंत में उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय आईआईटी जोधपुर के विकास में तेजी लाने के लिए लगातार सहयोग करता रहेगा। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री शेखावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के महान नेतृत्व में सरकार की ओर से जारी की गई दूरदर्शी नई शिक्षा नीति का उल्लेख किया।

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