केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर जिले के मजल्ता इलाके में किसानों और ग्रामीण प्रतिनिधियों से बातचीत की

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर जिले के मजल्ता इलाके में किसानों और ग्रामीण प्रतिनिधियों से बातचीत की

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-10-05 11:08 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए आज कहा कि वे भोलेभाले किसानों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे झूठे प्रचार के विपरीत नए कानून के अनुसार, किसान किसी भी समय अनुबंध को खत्म कर सकता है और वह बिना कोई जुर्माना भरे कभी भी अनुबंध समझौते से पीछे हट सकता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के मजल्ता क्षेत्र के किसानों और गांव के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि अनुबंध समझौते से किसानों को निर्धारित मूल्य प्राप्त करने की गारंटी मिलेगी। इसके अलावा, नया कानून किसानों की भूमि की बिक्री, पट्टे या बंधक पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाता है। इसलिए कांग्रेस नेताओं के इस आरोप में कोई दम नहीं है कि बड़ी कंपनियां अनुबंध के नाम पर किसानों का शोषण करेंगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विशेष रूप से दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के लिए नई विधायी व्यवस्था एक वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि पहले किसान अपनी फसलों की कटाई करते थे और फिर किसी बिचौलिये के आने का इंतजार करते थे। बिचौलिये अपनी इच्छा और पसंद के आधार पर खरीदारी करते थे। इसलिए वे औनेपौने दाम देकर किसानों की पूरी फसल हथिया लेते थे और किसानों को मामूली लागत की भरपाई से ही संतोष करना पड़ता था। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यदि किसी सरकार ने महज छह साल के न्यूनतम समय में किसानों के लिए अधिकतम काम किया है तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार है। उन्होंने पिछले छह वर्षों के दौरान मोदी सरकार द्वारा किए गए कई नवोन्मेषी सुधारों का जिक्र किया जिसमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पीएम किसान सम्‍मान निधि योजना, किसान कार्ड, सूक्ष्म सिंचाई, ई-मंडियों का निर्माण और एफपीओ शामिल हैं। इस बातचीत में थेलोरा और आसपास की पंचायतों के किसानों के लावा गांव काले एवं समीपवर्ती क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल थे। अधिवक्ता अमित शर्मा ने बातचीत का संचालन किया। अन्य वक्ताओं में कैप्टन (सेवानिवृत्त) गोपाल सिंह, बिशन दास और सुरेश कुमार शामिल थे।

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