उत्तर बस्तर कांकेर : राज्य महिला आयोग के नोटिस पर संबंधित व्यक्ति अनिवार्य रूप से उपस्थित हो - अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक
उत्तर बस्तर कांकेर : राज्य महिला आयोग के नोटिस पर संबंधित व्यक्ति अनिवार्य रूप से उपस्थित हो - अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक
डिजिटल डेस्क, उत्तर बस्तर कांकेर। 04 नवंबर 2020 छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने महिला आयोग मे दर्ज कांकेर जिले के 08 प्रकरणों की आज यहॉ सुनवाई की। आयोग द्वारा संबंधितों को नोटिस जारी करने के बाद भी सुनवाई में उपस्थित नही होने पर उनके द्वारा गंभीर नाराजगी व्यक्त की गई तथा उन्होंने संबंधितों को निर्धारित तिथि में उपास्थित होकर प्रकरण को निराकृत करने कहा। दहेज प्रकरण में प्रताड़ना की शिकायत पर अनावेदकगणों की उपस्थिति महिला आयोग के कारण सुनिश्चित हो पाई, अनावेदक जानबूझकर आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहे थे, महिला आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल अनावेदकगणों की उपस्थिति सुनिश्चित करवाई। आवेदिका की शिकायत पर अनावेदकगणों को सुनकर यह निर्णय दिया गया कि आवेदिका का दहेज में मिला हुआ सारा सामान वापस करें, इसके अतिरिक्त महिला आयोग ने अनावेदकगणों के ऊपर लगे हुए आरोप जो कि मोबाइल रिकॉर्ड पर लिखित लिपिबद्ध किया गया था, आवेदिका ने निवेदन किया कि प्रकरण रायपुर में स्थानांतरित किया जाए। आवेदिका को दहेज प्रताड़ना के अतिरिक्त अप्राकृतिक कृत्य एवं सास, देवर और पति के द्वारा डराए, धमकाए जाने और घर से भगा दिए जाने की भी शिकायत थी, जिसे महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ नायक ने गम्भीर प्रवृत्ति का मानते हुए नियम अनुकूल कार्रवाई करने की बात कही। एक उल्लेखनीय प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उनके नाम से महिला आयोग में फर्जी शिकायत की गई है, लेकिन शिकायत में जो मोबाईन नंबर दिया गया गया है वह उनका ही है और यह मोबाईल नंबर एक साल से बंद है। अनावेदक सुनवाई में उपस्थित हुए और बताया कि उन्होंने मई माह में विवाह कर लिया है। अभिलेख में उभय पक्षों के परिजनों के बयान भी दर्ज हैं जिसमें आवेदिका ने कहा कि उसके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है और न ही वह कोई कार्रवाई चाहती है, ऐसी स्थिति में आयोग ने संपूर्ण प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए शिकायतकर्ता के नाम पर झूठी शिकायत करने वाले के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए उपस्थित थाना प्रभारी को निर्देशित किया। दहेज प्रताड़ना के प्रकरण में शिकायतकर्ता और अनावेदक दोनो उपस्थित हुए जिसमें शिकायतकर्ता ने आपसी सहमति से विवाह विच्छेद प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत होना बताया और कहा कि दहेज में जो समान दिये गये थे, उसे वापस प्राप्त कर लिया गया है। आवेदिका उक्त प्रकरण को आयोग मे ंनही चलाने का विचार व्यक्त किया, जिस पर प्ररकण का निराकरण किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका शिकायतकर्ता के द्वारा शारीरिक शोषण की शिकायत की गई थी जिस पर आयोग के नोटिस मिलने के पश्चात आरोपी के विरुद्ध जुर्म पंजीबद्ध किया गया, इसके अतिरिक्त शिकायतकर्ता के द्वारा माननीय आयोग के समक्ष यह निवेदन किया गया कि उसकी शिकायत में कुछ अंश जानबूझकर छोड़ दिए गए हैं, जिसको आयोग ने गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी को निर्देशित किया कि उक्त संबंध में आवेदन लिया जाकर शिकायत में छूटे हुए अंश को जोड़ा जावे, जिससे शिकायतकर्ता को न्याय मिल सके। इसके अलावा अन्य प्रकरण में आवेदिका शिकायतकर्ता की शिकायत प्राप्त होने के पश्चात आयोग द्वारा नोटिस जारी होने पर थाने में रिपोर्ट दर्ज किए जाने का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ, जिस पर आवेदिका शिकायतकर्ता के द्वारा यह कथन किया गया कि उसकी शिकायत काफी पुरानी है, जिस पर अभी कार्रवाई हुई है, प्रकरण में संतुष्ट होने का कथन आवेदिका द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त आयोग के द्वारा आवेदिका शिकायतकर्ता की शिकायत पर अनावेदकगणों को बुलाया जा कर संपूर्ण प्रकरण को गंभीरता से सुना गया, आवेदिका सीआरपीएफ सैनिक की पत्नी है जिसे गांव वालों के द्वारा उनके अनुपस्थिति में प्रताड़ित किया गया था, जिस पर आयोग ने सैनिक की पत्नी को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर उसकी सामाजिक अवहेलना पर अनावेदकगणों को फटकार लगाते हुए भविष्य में ऐसा कृत्य नहीं दोहराने का निर्देश दिया। कांकेर जिले में सुनवाई के दौरान 8 प्रकरणों में शतप्रतिशत पक्षकारों की उपस्थिति रही। प्रकरण सुनवाई में शासकीय अधिवक्ता शमीम रहमान, महिला बाल विभाग से जिला कार्यक्रम अधिकारी किशनक्रांति टण्डन, महिला बाल विकास अधिकारी सीएस मिश्रा, संरक्षण अधिकारी नवा बिहान श्रीमती तुलसी मानिकपुरी, बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमती रीना लारिया, विधि सेवा प्राधिकरण अधिवक्ता सागर गुप्ता एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।