विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन

सबसे सुंदर डिवीजन विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन

Tejinder Singh
Update: 2023-01-17 13:43 GMT
विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन

डिजिटल डेस्क, विशाखापत्तनम, अजीत कुमार। आन्ध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन का जल्द ही कायाकल्प होेने वाला है। इस रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने पर लगभग 450 करोड़ रूपये खर्च होंगे। पूर्व तटीय रेलवे के वाल्टेयर डिवीजन के डीआरएम अनूप सत्पथी ने बताया कि मिट्टी की जांच का काम पूरा हो गया है और फरवरी से स्टेशन के सौंदर्यीकरण का काम तेज हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो महीने पहले ही इस परियोजना की नींव रख चुके हैं। डीआरएम सत्पथी ने ‘दैनिक भास्कर’ से कहा कि सबसे पुराना वाल्टेयर रेल डिवीजन दो साल बाद सबसे सुंदर और सबसे माॅडर्न डिवीजन के रूप में दिखेगा। उन्होंने बताया कि सितंबर 2025 तक (36 महीने में) विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देने का काम पूरा हो जाएगा। गुंबद शैली में स्टेशन का निर्माण होगा। इसके बाद स्टेशन की यात्री क्षमता प्रतिदिन 81,000 से बढ़कर ढाई लाख तक हो जाएगी। स्टेशन पर स्मार्ट पार्किंग, ई-चार्जिंग सहित कई अन्य सुविधाएं मिलेगी। उन्होंने बताया कि विशाखापत्तनम स्टेशन के सौंदर्यीकरण के साथ डिवीजन के लगभग दो दर्जन दूसरे स्टेशनो को भी अपग्रेड किया जा रहा है। विशाखापत्तन से अरकू के बीच चलने वाली विस्टाडोम कोच में 360 डिग्री तक घूमने वाली सीटें लगाई गई हैंर और कोच को आईसीएफ से एलएचबी में बदल दिया गया है। बता दें कि वाल्टेयर डिवीजन भारतीय रेलवे के पूर्व तटीय रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत तीन रेलवे डिवीजनों में से एक है। 

वंदे भारत ट्रेन तीन दिन फुल 

डीआरएम ने कहा कि सिकंदराबाद से विशाखापत्तनम के बीच शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन को लेकर लोगों में इतना क्रेज है कि अगले तीन दिन तक वंदे भारत की सीटें फुल है। वंदे भारत की कामयाबी का असर ऐसा कि यह ट्रेन फाइनेंसियल टाइम्स जैसी विदेशी मीडिया में भी सुर्खियां बटोर रही है। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन तेलंगाना और आन्ध्रप्रदेश के बीच दोस्ती का एक सेतु है। 

बैलाडीला रूट पर बढ़ेगी गाड़ियों की रफ्तार 

लौह अयस्क के लिए प्रसिद्ध बैलाडीला से विशाखापत्तनम की ओर जाने वाली गाड़ियों की कछुआ चाल पर सत्पथी ने कहा कि जंगलों और पहाड़ियों से भरे इस डिवीजन में सुरंगों और पुलों की भरमार है। लिहाजा गाड़ियों की रफ्तार अभी यहां 45 किलोेमीटर प्रति घंटे तक रखी गई है। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है और उम्मीद है कि अगले एक साल में इस रूट पर गाड़ियों की रफ्तार अधिकतम 90 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी। इस रूट पर गाड़ियों की कमी पर उन्होंने कहा कि लाइन दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है। जल्द ही इस रूट पर गाड़ियां बढ़ेंगी।

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