जल स्तर नीचे खिसका, गर्मी में भीषण जलसंकट की आशंका

जल स्तर नीचे खिसका, गर्मी में भीषण जलसंकट की आशंका

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-19 08:02 GMT
जल स्तर नीचे खिसका, गर्मी में भीषण जलसंकट की आशंका

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली(वैढ़न)। बारिश के थमते ही शहर समेत चितरंगी का वॉटर लेवल के तेजी से खिसकने से गर्मी में पेयजल के लिये हाहाकर मचने की आशंका प्रबल हो गई है। पीएचई की जानकारी पर गौर करें तो गर्मी के शुरूआती दौर में ही भीषण पेयजल संकट गहराने के अभी से संकेत मिलने लगे हैं। बताया जाता है कि जलस्तर के तेजी से खिसकने से नलकूपों पर अभी से खतरा मंडराने लगा है। जानकारों का कहना है कि आमतौर पर नलकूपों की गहराई 32 मीटर के करीब होती है। ऐसे में जलस्तर के खिसकने से इनके ड्राई होने की संभावना तेजी से बढ़ गई है। पीएचई के अफसरों का कहना है कि जलस्तर के खिसकने की आशंका के चलते सिंगल फेज योजना स्थापित की जा रही है। हालांकि पिछले साल की स्थिति पर गौर करें तो यह योजना भीषण गर्मी में कारगर साबित नहीं हो पाई है। ऐसे में गर्मी में पेयजल के साथ आम निस्तार के लिये पानी को लेकर लोगों को चिंता सताने लगी है।

गत वर्ष से अधिक गिरावट
पीएचई की रिपोर्ट पर गौर करें तो जिले के 200 से अधिक गांवों में पेयजल संकट के गहराने की जानकारी सामने आई है। जिले के शहरी और चितरंगी के इलाकों में वॉटर लेबल 25 मीटर से नीचे पहुंच गया है। पीएचई के अफसर ऐसे इलाकों के चिन्हित होने के बाद भी आग लगने पर कुंआ खोदने की तैयारी में है। अफसरों का कहना है कि जहां ऐसी समस्या बन गई है, वहां सिंगल फेज योजना स्थापित की जायेगी। यदि पिछले साल से चालू माह की स्थिति को देखे तो 3 मीटर से अधिक जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है।

40 मीटर भू-जल स्तर खिसकने का दावा
जानकारों के दावों पर यकीन करें तो जिले में जितनी वर्षा रिकार्ड की गई है, उसके हिसाब से मई और जून माह में 40 मीटर तक जल स्तर में गिरावट आने के आसार हैं। ऐसे में गर्मी में नलकूपों के जबाव देने की संभावना तेजी से बढ़ गई है। बताया जाता है मांइस के करीब क्षेत्रों वॉटर लेबल 32 मीटर नीचे खिसक गया है। ऐसे ही हालात खुटार में बने हुये हैं। यहां के आधे गांव के हैंडपंप अभी से हवा उगलने लगे हैं।

इनका कहना है
यह सही है कि पिछले साल की तुलना में जलस्तर में गिरावट आई है। जलस्तर में गिरावट वाले डेढ़ सौ से अधिक गांवों को चिन्हित कर लिया गया है। मई और जून में पेयजल की समस्या आने से पहले ही सिंगल फे ज योजना स्थापित कर दी जायेगी।
जेपी द्विवेदी, कार्यपालन यंत्री,पीएचई

 

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