तपती धूप में नंगे पांव सोलापुर से वैढऩ पहुंचे मजदूर

तपती धूप में नंगे पांव सोलापुर से वैढऩ पहुंचे मजदूर

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-22 12:53 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क  सिंगरौली (वैढऩ)। कोरोना संकट में अपने घर के लिये पलायन करने को मजबूर मजदूरों की एक से बढ़कर एक चौंकाने वाली तस्वीरें इन दिनों सामने आ रही हैं। ऐसी एक तस्वीर जिला मुख्यालय वैढऩ में मंगलवार को तब सामने आयी, जब राजमाता चूनकुमारी स्टेडियम में भोपाल से एक बस जिले के कुछ लोगों को लेकर पहुंची। बस से उतरे करीब 15-16 लोगों में से दो मजदूर ऐसे थे, जो नंगे पैर थे। पूछने पर इनमें से एक मजदूर ग्राम मझौली निवासी छोटेलाल ने बताया कि वह अपने  साथी के साथ महाराष्ट्र के सोलापुर में एक फैक्ट्री में काम किया करता था। कोरोना के कारण फैक्ट्री में काम बंद हो गया और पैसे भी नहीं मिल पाये। अभी तक वहां जैसे-तैसे पेट पाल रहे थे, लेकिन जब स्थिति खराब होने लगी, तो वहां से घर वापस आना पड़ा। छोटेलाल बताते हैं कि वह 4 दिन पहले सोलापुर से निकले थे और ट्रेन से भोपाल तक पहुंचे। लेकिन ट्रेन तक पहुंचने के लिये काफी ज्यादा जद्दोजहत करनी पड़ी और उसी दौरान उसकी व उसके साथी की चप्पलें टूट गईं। छोटेलाल बताते हैं कि जेब में खाने के लिये भी पैसे नहीं हैं तो फिर चप्पल कहां से खरीदते? इसलिये घर जाने की मजबूरी में नंगे पैर ही सफर कर रहे हैं। 
मुरैना से आयी बस ने रास्ते में उतारा 
मंगलवार की सुबह-सुबह जिले में एक बस मुरैना से मजदूरों को लेकर आ रही थी, लेकिन वैढऩ में माजन मोड़ पहुंचते ही बस के स्टाफ ने सभी मजदूरों को बस से नीचे उतार दिया और वहीं से वापस हो गई। बस में करीब 30 मजदूर अपने परिवार के साथ थे। जिसके कारण ये सभी मजदूर माजन मोड़ से स्टेडियम तक पैदल ही पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद मजदूरों ने बस स्टाफ द्वारा किये गये कृत्य को बयां किया। बताया जा रहा है कि ये सभी मजदूर यूपी के फिरोजाबाद से मुरैना पहुंचे थे और वहां से जिले में लाये गये हैं।
 

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