सतना: मिड डे मील के ऑनलाइन फ्रॉड में फंसे 32 सरकारी स्कूल

  • समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी की आड़ में 95 लाख ऑनलाइन फ्रॉड
  • गोरखधंधे में सतना-मैहर समेत 27 जिले शामिल
  • जांच के दायरे में 32 सरकारी स्कूल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-26 13:08 GMT

डिजिटल डेस्क, सतना। समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी की आड़ में हाल ही में सामने आए 95 लाख के ऑनलाइन फ्रॉड के बाद अब यहां मिड डे मील के नाम पर एएमएस पोर्टल पर फर्जी फीडिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा भारत शासन के स्तर पर पकड़ा गया है। इस गोरखधंधे में शुरुआती तौर पर सतना-मैहर समेत प्रदेश के 27 जिले शामिल पाए गए हैं। इन्हीं में से सतना और मैहर जिले के 32 सरकारी स्कूल जांच के दायरे में आए हैं। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अपर संचालक शिक्षा संजना जैन ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। ब्यौरा तलब किया गया है। यह त्रुटि किस मंशा से की गई इस संबंध में संबंधित शाला प्रमुखों को शोकाज देकर जवाब मांगे गए हैं। दोषियों के खिलाफ नियमों के तहत कार्यवाही की जाएगी।

क्या है पूरा मामला

सतना समेत प्रदेश के 27 जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के राज्य समन्वयक मनोज पुष्प ने स्पष्ट किया है कि एक मई से 15जून के तक सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल गर्मियों की छुट्टियों के कारण बंद थे। बावजूद इसके इस अवधि में भी स्कूलों ने बच्चों को मध्यान्ह भोजन के वितरण से संबंधित डेटा एएमएस (ऑटोमेटेड मानीटरिंग सिस्टम) पोर्टल पर फीड किए गए। सवाल यह है कि प्रधानमंत्री पोषण कार्यक्रम के तहत अवकाश के दिनों में जब बच्चों को मिड डे मील नही दिया जाता है तब वितरण से संबंधित फर्जी आंकड़े ऑनलाइन क्यों फीड किए गए? इस मामले में भारत शासन की सख्त आपत्ति के बाद प्रदेश स्तर पर जांच के आदेश दिए गए हैं। इस सख्ती के बाद संबंधित शाला प्रभारियों और एमडीएम प्रभारियों पर निलंबन की तलवार लटक गई है।

2 जिलों के 6 ब्लाक

सूत्रों ने बताया कि सतना - मैहर जिले के 6 ब्लाक के 32 सरकारी स्कूल जांच के दायरे में लिए गए हैं। इनमें सर्वाधिक मैहर जिले के अमरपाटन के 24, सतना जिले के नागौद,उचेहरा और मैहर के 2-2 तथा मझगवां और रामपुरबघेलान के एक-एक शासकीय स्कूल शामिल हैं। जबकि सोहावल और रामनगर ब्लाक के एक भी स्कूल में फीङ्क्षडंग नहीं पाई है।

ये स्कूल फंसे जांच के दायरे में 

अमरपाटन ब्लाक की प्राथमिक शाला पठरा,ताला, माध्यमिक शाला ताला, मुडिय़ाटोला,प्राथमिक शाला सेमरा, माध्यमिक शाला बिगोड़ी,प्राथमिक शाला बिगोड़ी,माध्यमिक शाला छेरिहा, सेटेलाइट स्कूल, माध्यमिक स्कूल डोमा, माध्यमिक शाला सन्नेही, प्राथमिक शाला सन्नेही, प्राथमिक शाला सन्नेही , प्राथमिक स्कूल तुकी, सेटेलाइट स्कूल ककलपुर, प्राथमिक स्कूल सहजहां मदरसा बडख़ेरा, प्राथमिक स्कूल बिछिया, गारंटी शाला बिछिया, प्राथमिक शाला नईबस्ती बढ़ौरा, गारंटी शाला इंद्रानगर बढ़ौरा, गारंटी शाला कुसमहट, माध्यमिक स्कूल अमझर, प्राथमिक शाला मझिगवां और माध्यमिक शाला मुकुंदुपुर शामिल हैं। मैहर ब्लाक की प्राथमिक शाला पोखरिहा, प्राथमिक शाला डोलनी। मझगवां ब्लाक की गारंटी शाला मौहरिया। नागौद ब्लाक की प्राथमिक शाला टिकुरी, प्राथमिक शाला नईबस्ती उमरी। रामपुरबघेलान ब्लाक की माध्यमिक शाला बिहरा नंबर वन और उचेहरा ब्लाक की प्राथमिक शाला उमरी और गारंटी शाला उमरी शामिल है।

सीईओ जिला पंचायत ने दिए निर्देश

इस मामले में सीईओ जिला पंचायत संजना जैन ने जांच के निर्देश दिए हैं। यह त्रुटि किस मंशा से की गई इस संबंध में संबंधित शाला प्रमुखों को शोकाज देकर जवाब मांगे गए हैं। दोषियों के खिलाफ नियमों के तहत कार्यवाही की जाएगी।

स्व सहायता समूहों की भूमिका पर संदेह

इस मामले में स्व सहायता समूहों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। जिले के सिर्फ 34 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां मध्यान्ह भोजन का संचालन शाल प्रबंध समितियां करती हैं। जिन स्कूलों को जांच के दायरे में लिया गया है, वहां मिड डे मील कार्यक्रम स्व सहायता समूहों के हवाले हैं। इसी आड़ में राशन, ईंधन और रसोइयों के मानदेय में आर्थिक गफलत की आशंका है।

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