दर्दनाक हादसा: पुत्र को बचाने के चक्कर में पिता ने नहर में लगा दी छलांग, दोनों की गई जान

  • नहर में डूब रहा था पुत्र
  • बचाने के चक्कर में पिता ने लगाई छलांग
  • बारहवीं का पेपर था

Tejinder Singh
Update: 2024-03-01 13:51 GMT

डिजिटल डेस्क, पुलगांव. नहर में डूब रहे पुत्र को बचाने के चक्कर में एक पिता और पुत्र दोनों की मौत हो गई। घटना पुलगांव शहर के पास सातेफल गांव की नहर में हुई। मृतकों के नाम विरुल गांव निवासी मृतकों के नाम अरविंद कोहले (55, पिता) व चेतन अरविंद कोहले (18, पुत्र) हैं। इस घटना के बाद विरुल परिसर में शोक व्याप्त है। घटना के बाद दोनों पिता-पुत्र के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए पुलगांव के ग्रामीण अस्पताल में भिजवा दिया। जानकारी के अनुसार विरूल निवासी अरविंद कोहले की सालफल गांव में खेती है। बुधवार को अरविंद कोहले अपने 18 वर्षीय पुत्र चेतन के साथ नहर समीप के खेत में फसलों की सिंचाई करने गए थे। आम तौर पर यहां नहर के पानी से ही सिंचाई की जाती रही है। सिंचाई करने के बाद शाम में चेतन हाथ और पैर धोने के लिए नहर पर गया।

वहां अचानक पैर फिसलने से नहर में गिर गया। यह बात जैसे ही पिता अरविंद को पता चली, वह अपने पुत्र चेतन को बचाने के लिए नहर की ओर दौड़े। उन्होंने पुत्र को बचाने के चक्कर में नहर के पास आकर मदद के लिए गुहार लगानी शुरू कर दी। लेकिन आस-पास कोई नहीं था। यह देखकर अरविंद ने अपने पुत्र चेतन को बचाने के लिए नहर में छलांग लगा दी। लेकिन तैरना नहीं आने के कारण दोनों डूब गए। दुर्भाग्यवश पिता-पुत्र दोनों की मृत्यु हो गई। इस घटना की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को मिली, पूरा गांव घटनास्थल पर पहुंच गया। पुलगांव पुलिस को जानकारी दी गई। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों की तलाश शुरू कर दी। काफी प्रयास के बाद देर रात 11 बजे पिता अरविंद कोहले का शव पाया गया। इसके बाद रात अधिक हो जाने के कारण तलाशी अभियान रोक दिया गया। अगली सुबह गुरुवार को फिर से तलाशी अभियान शुरू किया गया तो सुबह 7 बजे चेतन का शव मिला। इस समय गांव वालों की भीड़ इकट्‌ठा हो गई। पुलगांव पुलिस ने दोनों के शव को पुलगांव ग्रामीण अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

बारहवीं का पेपर था

चेतन अरविंद कोहले कक्षा बारहवीं का विद्यार्थी था। उसके पेपर चल रहे थे। गुरुवार को भी उसका पेपर था। वह अक्सर खेती कार्य में अपने पिता का हाथ बंटाता रहता था। चेतन ने सोचा था कि खेती की सिंचाई करने के बाद अगले दिन के पेपर की तैयारी कर लेगा। लेकिन नियति को शायद कुछ और मंजूर था। वह सिंचाई करने के बाद शायद जल्द से जल्द घर पहुंचकर पढ़ाई पूरी करना चाहता था। इस कारण वह सिंचाई करने के बाद नहर के किनारे हाथ पैर धोने गया था। हड़बड़ी में उसका पैर फिसला और वह नहर में गिर गया। उसने बचने की काफी कोशिश की। इस बीच उसके पिता अरविंद ने भी नहर में कूदकर उसे बचाने का प्रयास किया। लेकिन दोनों डूब गए।

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