बर्थडे स्पेशल: रोहित शर्मा...टीम इंडिया को वो आक्रमक खिलाड़ी जिसका सामना करने से डरते हैं गेंदबाज, वनडे में एक नहीं तीन बार जड़ चुके हैं दोहरा शतक

  • रोहित शर्मा आज अपना 37वां जन्मदिन मना रहे हैं
  • खराब रही थी इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरूआत
  • आक्रमक खेलते के चलते हिटमैन के नाम से प्रसिद्ध

Anchal Shridhar
Update: 2024-04-30 10:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टीम इंडिया के कप्तान और विश्व के आक्रमक सलामी बल्लेबाजों में शुमार रोहित शर्मा आज यानी 30 अप्रैल को अपना 37वां जन्मदिन मना रहे हैं। 30 अप्रैल 1987 को महाराष्ट्र के नागपुर जिले के बंसोड़ इलाके में जन्में रोहित ने टीम इंडिया में बतौर ऑलराउंडर एंट्री की थी। अपने करियर के शुरूआती दिनों में निचले क्रम में खेलने के कारण रोहित शर्मा अपनी बल्लेबाजी में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए थे। लेकिन जब साल 2013 में एमएस धोनी ने उन्हें टीम में बतौर ओपनर मौका दिया तो तब वो एक दमदार बल्लेबाज के रूप में उभरे और सभी को अपने खेला का दीवाना बना लिया। एक वो दिन था जब रोहित अपने गेम को लेकर जूझ रहे और एक आज का दिन है। जब अपने आक्रमक खेल की वजह से वो दुनिया भर में वे 'हिटमैन' के नाम से जाने जाते हैं। आज के समय में उनसे बेहतर पुल शॉट शायद ही दुनिया का कोई खिलाड़ी लगा सकता है। उनकी धमाकेदार बल्लेबाजी के आगे दुनिया का बडे़ से बड़ा गेंदबाज बेअसर साबित होता है।

रिकॉर्डधारी हिटमैन

रोहित शर्मा कितने महान बल्लेबाज हैं उसकी गवाही उनके रिकॉर्ड देते हैं। उनके नाम सबसे बड़ा रिकॉर्ड एक वनडे पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने का है। उन्होंने 13 नवंबर 2014 को श्रीलंका के खिलाफ कोलकता के ईडन गार्डन्स में 264 रनों की पारी खेली थी। इसके अलावा वो दुनिया के इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं जिनके नाम वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक हैं। रोहित के नाम एक पारी में सबसे ज्यादा चौकों-छक्कों से रन बटोरने का रिकॉर्ड भी है।

रोहित विश्व के इकलौते ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने वर्ल्ड कप में पांच शतक जड़े हैं। इसके साथ ही उनके नाम वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा शतक (7) लगाने का रिकॉर्ड भी है। इतना ही नहीं, रोहित के नाम टी-20 इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा मैच खेलने और सबसे ज्यादा शतक लगाने का भी रिकॉर्ड दर्ज है।

ओपनिंग में चमके

रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम में आए तो थे ऑलराउंडर के रूप में। जो मध्यमक्रम में ठीक-ठाक बल्लेबाजी के साथ स्पिन गेंदबाजी भी कर लेता था। शुरुआती कुछ मैचों में रोहित की फॉर्म अच्छी नहीं थी। उनकी न गेंदबाजी चली और न ही बल्लेबाजी। रोहित की इच्छा 2011 का वर्ल्ड कप खेलने की थी। लेकिन लगातार खराब प्रदर्शन वजह से उन्हें मौका नहीं मिला। रोहित के करियर का टर्निंग पॉइंट साल 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी थी। जिसमें कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें बतौर ओपनर टीम में जगह दी। जिसके बाद फिर रोहित ने पीछे नहीं देखा और मॉर्डन ऐज के सबसे बेहतरीन ओपनर बन गए।

Tags:    

Similar News