नवजात की मौत पर परिजनों का हंगामा, स्टाफ पर लापरवाही का आरोप

 नवजात की मौत पर परिजनों का हंगामा, स्टाफ पर लापरवाही का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-02 07:43 GMT
 नवजात की मौत पर परिजनों का हंगामा, स्टाफ पर लापरवाही का आरोप
हाईलाइट
  • छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही के कारण नवजात ने दम तोड़ा
  • परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया और स्टाफ पर लापरवाही और रुपए लेने का आरोप लगाए

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में स्टाफ की लापरवाही जच्चा-बच्चा के लिए घातक साबित हो रही है। पिछली सुबह लापरवाही के शिकार एक नवजात ने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। परिजनों को आरोप था कि प्रसव के दौरान स्टाफ ने आठ सौ रुपए लिए और बच्चे की देखभाल बेहतर तरीके से नहीं की। स्वस्थ बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने प्रबंधन से मामले की जांच कर स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। 

स्टाफ द्वारा आठ सौ रुपए की मांग की गई
पातालेश्वर वार्ड नम्बर 20 निवासी राजेश धुर्वे ने बताया कि 29 अगस्त को प्रसव पीड़ा बढ़ने की वजह से पत्नी शशिबाई धुर्वे को गायनिक वार्ड में भर्ती कराया था। प्रसव होने पर स्टाफ द्वारा आठ सौ रुपए की मांग की गई। जन्म के बाद बच्चा स्वस्थ था। उसे इंजेक्शन लगाया गया। जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। जांच के बाद बच्चे की हालत गंभीर बताकर उसे एसएनसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। लगभग सात बजे स्टाफ ने बताया कि बच्चे ने दम तोड़ दिया है। राजेश का आरोप है कि स्टाफ की लापरवाही की वजह से उसके बच्चे की जान गई है। मामले की जांच कर लापरवाह स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की गई है।
 
रुपए लेने के बाद बच्चा दिया
पीड़ित राजेश धुर्वे और उसके परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि प्रसव के बाद स्टाफ ने बच्चे को बाहर लाया, तो आठ सौ रुपए की मांग की गई। जब तक उन्होंने स्टाफ को रुपए नहीं दिए तब तक बच्चे नहीं दिया गया। 

पीएम के लिए भटकते रहे परिजन-
परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोप के बाद बच्चे का पीएम कराया गया। शव पोस्टमार्टम कक्ष में रखा गया। परिजन काफी देर तक पोस्टमार्टम के लिए कोतवाली पुलिस और डॉक्टर के चक्कर काटते रहे। शाम को बच्चे का पीएम हो पाया। 

क्या कहते हैं अधिकारी-
- मृत बच्चे के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह स्पष्ट हो जाएगी। लापरवाही सामने आती है तो स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं यदि किसी स्टाफ ने रुपए लिए है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 
-सुशील राठी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
 

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