दीपक नहीं रहा, यह विश्वास करना मुश्किल -परिजन

दीपक नहीं रहा, यह विश्वास करना मुश्किल -परिजन

IANS News
Update: 2020-08-08 10:30 GMT
दीपक नहीं रहा, यह विश्वास करना मुश्किल -परिजन

मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। कोझिकोड अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार शाम एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान दुर्घटना में मारे गए पायलट दीपक वी. साठे के परिवार और रिश्तेदारों ने यहां अविश्वसनीय नुकसान के लिए शोक व्यक्त किया।

पायलट के रिश्तेदार नीलेश साठे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, यह विश्वास करना कठिन है कि मेरे चचेरे भाई से ज्यादा मेरा दोस्त दीपक साठे अब नहीं रहा।

नीलेश ने अपने चचेरे भाई का 36 साल के उड़ान अनुभव के साथ एक अनुभवी पायलट के तौर पर वर्णन किया, जिन्होंने 58वें कोर्स में टॉप करते हुए नेशनल डिफेंस अकादमी, पुणे से पढ़ाई पूरी की और उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया।

उन्होंने बाद में 2005 में एयर इंडिया के साथ वाणिज्यिक पायलट के रूप में जुड़ने से पहले 21 वर्षों तक भारतीय वायु सेना की सेवा की।

नीलेश ने याद किया कि कैसे उन्होंने पिछले हफ्ते कैप्टन साठे के साथ बात की थी और वह हमेशा की तरह जोश में थे।

नीलेश ने कहा, जब मैंने उनसे वंदे भारत मिशन के बारे में पूछा, तो उन्होंने भारतीयों को अरब देशों से हमारे देश वापस लाने पर गर्व किया।

जब उन्होंने पूछा कि क्या कैप्टन साठे खाली विमान लेकर गए हैं, क्योंकि उन देशों में यात्रियों के प्रवेश की अनुमति नहीं है, तो इसका पायलट ने जवाब दिया, ओह, नहीं। हम फल, सब्जियां, दवा आदि को इन देशों में ले जाते हैं। हम कभी भी विमान खाली नहीं लेकर जाते।

पायलट के रिश्तेदार ने कहा, यह उनके साथ मेरी आखिरी बातचीत थी।

नीलेश याद करते हैं कि कैसे कैप्टन साठे 90 के दशक की शुरूआत में एक दुर्घटना में बच गए थे, जब वह भारतीय वायुसेना में थे। दुर्घटना में उन्हें सिर पर चोट आई थी, जिससे वह छह महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। नीलेश ने कहा, किसी ने भी नहीं सोचा था कि वह फिर से उड़ान भरेंगे।

उन्होंने कहा, लेकिन उनकी ²ढ़ इच्छाशक्ति और उड़ान के लिए प्यार ने उन्हें फिर से एक परीक्षा का मौका दिया। यह एक चमत्कार था।

कैप्टन साठे अपने पीछे उनकी पत्नी सुषमा और दो बेटों को छोड़कर चले गए हैं। उनके दोनों बेटे आईआईटी बॉम्बे से स्नातक हैं। इनमें बड़े बेटे शांतनु की शादी इसी साल राष्ट्रव्यापी बंद से कुछ समय पहले ही आठ मार्च को हुई थी और वर्तमान में वह अमेरिका में है, जबकि छोटा बेटा धनंजय बेंगलुरू की एक कंपनी में कार्यरत है।

कैप्टन साठे के भाई ब्रिगेडियर वसंत साठे के बेटे कैप्टन विकास साठे भारतीय सेना में अधिकारी हैं, जिन्होंने जम्मू क्षेत्र में देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।

विमान दुर्घटना की खबर सुनकर कैप्टन साठे के परिवार में शोक की लहर दौड़ पड़ी।

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