Kanpur Shootout Case: UP सरकार ने कानपुर गोलीकांड की जांच के लिए SIT गठित की, 31 जुलाई तक सौंपनी होगी रिपोर्ट

Kanpur Shootout Case: UP सरकार ने कानपुर गोलीकांड की जांच के लिए SIT गठित की, 31 जुलाई तक सौंपनी होगी रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-11 14:18 GMT
Kanpur Shootout Case: UP सरकार ने कानपुर गोलीकांड की जांच के लिए SIT गठित की, 31 जुलाई तक सौंपनी होगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों द्वारा हत्या करने के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। मुठभेड़ में विकास दुबे के मारे जाने के ठीक एक दिन बाद इसका गठन किया गया है। SIT विकास दुबे की एक साल की फोन कॉल की सीडीआर निकलेगी और जांच करेगी। एक साल में जितने भी पुलिसवाले उसके संपर्क में थे सबकी जांच होगी। दोषी पाए जाने पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी संजय भूसरेड्डी SIT का नेतृत्व करेंगे, जबकि एडीजी हरिराम शर्मा और डीआईजी जे रविंद्र गौड़ को विशेष टीम के सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है। 31 जुलाई 2020 तक एसआईटी को जांच रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी।

SIT के जरिए इन सवालों की होगी जांच
SIT इस बात की जांच करेगी कि कानपुर की घटना के पीछे क्या वजह थी? विकास दुबे के खिलाफ सभी पुलिस मामलों में क्या कार्रवाई की गई थी? SIT यह भी पता लगाने की कोशिश करेगी कि विकास दुबे की जमानत रद्द क्यों नहीं की गई? पुलिस की संदिग्ध भूमिका की जांच का जिम्मा भी SIT को सौंपा गया है। इसके अलावा यह भी पता लगाया जाएगा कि चौबेपुर पुलिस स्टेशन में विकास दुबे के खिलाफ कितनी शिकायतें दर्ज की गईं और पुलिस स्टेशन और वरिष्ठ अधिकारियों ने क्या कार्रवाई की। SIT यह भी जांच करेगी कि विकास दुबे के खिलाफ गुंडा एक्ट, NSA, गैगस्टर एक्ट के तहत क्या कार्रवाई की गई और क्या पुलिस की ओर से किसी तरह की लापरवाही हुई। विकास दुबे के पास हथियार कहा से आते थे इसकी भी जांच SIT करेगी। हालांकि, SIT कानपुर में एसटीएफ द्वारा विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच नहीं करेगी।

आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हो गया था विकास दुबे
2 और 3 जून की रात को विकास दुबे और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। दुबे और उसके साथियों ने चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गर्त आने वाले बिकरू गांव में अपने ठिकाने पर पहुंची पुलिस टीम पर गोलीबारी की थी। पुलिस उप अधीक्षक देवेंद्र मिश्रा, तीन उप-निरीक्षक और 4 कांस्टेबल इसमें शहीद हो गए थे। मुठभेड़ में दो अपराधी भी मारे गए था। हालांकि, विकास दुबे और उसके अन्य साथी मौके से भागने में सफल रहे थे। इसके बाद शुक्रवार को एनकाउंटर में विकास दुबे को मार गिराया गया।विकास दुबे के खिलाफ पुलिसकर्मियों की हत्या के अलावा 60 मामले दर्ज थे। 

पुलिसकर्मी के हथियार छीनकर भाग रहा था विकास
मध्य प्रदेश में गिरफ्तारी के ठीक एक दिन बाद शुक्रवार को, विकास दुबे को उत्तर प्रदेश एसटीएफ को सौंप दिया गया था और उसे वापस कानपुर लाया जा रहा था। हालांकि, हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने उस रास्ते पर गोलियों से भून दिया था, जब उसने कार के पलटने के बाद भागने की कोशिश की थी। कानपुर पुलिस के अनुसार, गैंगस्टर ने एक पुलिसकर्मी का हथियार छीन लिया, जिसके बाद जवाबी गोलीबारी में उसे गोली लग गई। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस हादसे में 4 पुलसकर्मी भी घायल हुए थे। 

एनकाउंटर मामले की CBI जांच की मांग
एनकाउंटर के कुछ घंटों बाद सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की। इलाहाबाद HC के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष याचिका में पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया गया। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भी इस मामले में जांच की मांग की। वहीं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विकास दुबे के एनकाउंटर मामले पर इशारों-इशारों में निशाना साधा। इस बीच, शनिवार को दुबे के दो फरार साथियों को एटीएस ने महाराष्ट्र के ठाणे से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान अरविंद उर्फ ​​गुड्डन त्रिवेदी और उसके ड्राइवर सोनू तिवारी के रूप में हुई है।

 

 

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