'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर करने वाले तीन आरोपियों को मिली जमानत, मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ था

Kanpur assault case 'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर करने वाले तीन आरोपियों को मिली जमानत, मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ था

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-13 11:49 GMT
'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर करने वाले तीन आरोपियों को मिली जमानत, मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ था

डिजिटल डेस्क, कानपुर। कानपुर में एक व्यक्ति अफ्तार अहमद के साथ मारपीट करने और उसे "जय श्री राम" बोलने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों को एक स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी। इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें अफसर अहमद की पांच साल की बेटी भी मारपीट कर रहे लोगों से अपने पिता को जाने देने की गुहार लगा रही थी।

अफ्तार के परिवार के सदस्यों के अनुसार, बजरंग दल के सदस्यों ने उनके घर में घुसकर उस पर एक हिंदू महिला को जबरन इस्लाम में बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इसके बाद भीड़ अहमद को सड़क पर ले गई और परेड करवाकर उसकी पिटाई कर दी।

एक वीडियो में, भगवा स्कार्फ पहने कुछ लोग एक ई-रिक्शा चालक अहमद के साथ राष्ट्र विरोधी नारे लगाने का आरोप लगाते हुए मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। अहमद बार-बार गुहार लगाते हुए दिखाई देता है कि उसने ऐसा कोई नारा नहीं लगाया, जबकि उसकी बेटी उसे छुड़ाने की कोशिश करती है। पुलिस ने अहमद को छुड़ा लिया था और उसे और उसकी बेटी को थाने ले गई थी।

गोविंदनगर के एसीपी विकास कुमार पांडे ने कहा, "आरोपियों पर आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें सात साल से कम की सजा है। अदालत के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऐसी धाराओं के तहत आरोपियों को जमानत मिल जाती है। एसीपी ने बताया कि स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी है और आदेश पर आरोपियों को रिहा कर दिया गया है।

घटना के सिलसिले में गुरुवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनकी पहचान अजय राजेश, अमन गुप्ता और राहुल कुमार के रूप में हुई थी। इस मामले में 10 अज्ञात लोगों के साथ तीन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 323 (चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

बजरंग दल के सदस्यों ने गुरुवार देर रात स्थानीय डीसीपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर आरोपियों की रिहाई की मांग की थी और उनकी गिरफ्तारी को गलत बताया। विरोध के दौरान उनके द्वारा "जय श्री राम" और "वंदे मातरम" के नारे भी लगाए गए थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने संगठन के सदस्यों के साथ बातचीत की, जिसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया था।

डीसीपी (दक्षिण) रवीना त्यागी ने गुरुवार को अहमद के परिवार से मुलाकात की, जिसमें पांच साल की बच्ची भी शामिल थी, जिसने अपने पिता के साथ मारपीट होते देखी थी। पुलिस ने पहले कहा था कि अहमद पर हमला एक महीने पहले अलग-अलग समुदायों के दो परिवारों के बीच हुए विवाद से जुड़ा था, जो उस झुग्गी में रहते हैं जहां हमला हुआ था।

अफ्तार अहमद के पड़ोस की एक महिला ने आरोप लगाया कि वह और उसका परिवार उस पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बना रहे थे। यहां तक ​​कि उसे 20,000 रुपये की पेशकश भी की गई। उसने दावा किया कि उसने पुलिस से भी संपर्क किया और शिकायत दर्ज की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद वह बजरंग दल गई और संगठन के जिला संयोजक दिलीप सिंह से मुलाकात की।

दिलीप सिंह ने कहा, दो दिन पहले हमने पुलिस में धर्म परिवर्तन की शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। चूंकि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए आज हमने कार्रवाई की। 

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