आषाढ़ माह: जानें हिन्दू कैलेंडर के चौथे माह के बारे में, इन देवों की करें उपासना

आषाढ़ माह: जानें हिन्दू कैलेंडर के चौथे माह के बारे में, इन देवों की करें उपासना

Manmohan Prajapati
Update: 2021-06-26 09:38 GMT
आषाढ़ माह: जानें हिन्दू कैलेंडर के चौथे माह के बारे में, इन देवों की करें उपासना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग में वर्ष का चौथा माह आषाढ़ विशेष माना गया है, जो कि 25 जून से शुरू हो चुका है। हिन्दू कैलेंडर का यह माह अधिकांश जून और जुलाई के बीच में पड़ता है। इसे वर्षा ऋतु का माह भी कहा जाता है।  आषाढ़ माह की गिनती सबसे पवित्र माह में होती है। ज्योतिष के अनुसार, आषाढ़ के महीने में चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में मौजूद होता है, इसलिए इस महीने का नाम आषाढ़ रखा गया है। यह माह 24 जुलाई को समाप्त होगा।

कहा जाता है कि यह मास भगवान श्री हरि यानी कि विष्णु को बहुत प्रिय है। इसके अलावा यह माह गुरू की पूजा के लिए भी अत्यंत लाभदायक होता है। इस माह में भगवाग जगदीश स्वामी की रथ यात्रा समेत शीतलाष्टमी, योगिनी एकादशी, मासिक शिवरात्रि, गुप्त नवरात्रि, विनायक चतुर्थी, ईद उल अजहा, हरि‍शयनी एकादशी जैसे कई सारे व्रत और त्यौहार भी आते हैं। आइए जानते हैं इस माह के बारे में...

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दान का विशेष महत्व
आषाढ़ माह को लेकर मानना है कि यह जीवन में सकारात्मकता लेकर आता है। इसलिए इस माह को दान-पुण्य के लिए भी श्रेष्ठ बताया गया है। आषाढ़ मास में खड़ाऊं, छाता, नमक, तांबा, कांसा, आंवला, मिट्टी का पात्र, गेहूं, गुड़, चावल, तिल दान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आषाढ़ अमावस्या को स्नान, दान-पुण्य, पितृ कर्म के लिए बहुत पुण्य फलदायी माना जाता है। 

इसी माह में सोते हैं देव
आपको बता दें कि, आषाढ़ माह में देवशयनी एकादशी आती है, इस दिन से देवी-देवता चार माह के लिए शयन करने चले जाते हैं। इसे चातुर्मास भी कहा जाता है। यानी कि चार माह तक देव विश्राम करते हैं। ऐसे में सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। इसके बाद चार माह बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवता शयन से जागते हैं, जिसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है।

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इन देवों की करें उपासना
आषाढ़ के महीने में पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। आषाढ़ माह में भगवान विष्णु की उपासना करना शुभ होता है। इस माह में जल देव की पूजा के लिए भी उत्तम माना गया है। ऐसा माना जाता है कि आषाढ़ मास के महीने में जल देव की पूजा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि उनकी पूजा करने से धन प्राप्ति का योग बनता है। इसके अलावा इस महीने में सूर्य देव की पूजा का भी महत्व बताया गया है। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी को सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन में खुशहाली आती है।  

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