आधी रात होते ही यहां बातें करने लगती हैं देवी मूर्तियां, सुनाई देती है आवाज

आधी रात होते ही यहां बातें करने लगती हैं देवी मूर्तियां, सुनाई देती है आवाज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-09 06:10 GMT
आधी रात होते ही यहां बातें करने लगती हैं देवी मूर्तियां, सुनाई देती है आवाज

डिजिटल डेस्क, पटना। भगवान के मंदिर में चमत्कार हो जाए तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं। अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर वे उन्हें अपने दर्शन भी दे देते हैं, लेकिन आज के दौर में ऐसे मंदिरों के बारे में सुनने-देखने कम ही मिलता है, जहां आज भी मूर्तियों के साक्षात होने का आभास होता है। वह कभी भी अपने भक्तों को ऐसी लीला दिखा सकती हैं जिनके बारे सोचना भी मुश्किल है। आज हम आपको बिहार के बक्सर स्थित एक ऐसे ही मंदिर की ओर ले जा रहे हैं। जहां मूर्तियां आपस में बातें करती हैं। यह तथ्य सामने आने के बाद वैज्ञानिक की रिसर्च के बाद इस चमत्कार पर आश्चर्य में पड़ गए...

तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध

राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर के नजदीक से आधी रात काे गुजरने वाले लोगों को आवाजें सुनाई देती हैं। जो कि किसी आश्चर्य से कम नहीं है। प्रसिद्ध तांत्रिक भवानी मिश्र द्वारा लगभग 400 वर्ष पहले इस मंदिर की स्थापना की गई थी। तब से आज तक इस मंदिर में उन्हीं के परिवार के सदस्य पुजारी बनते रहे हैं। यह मंदिर तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है और ऐसी मान्यता है कि यहां साधकों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

सिर्फ सूखे मेवे

अन्य देवी मंदिराें की तुलना में यहां कलश स्थापना का विधान नहीं है। तंत्र साधना से ही यहां माता की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। जिस वजह से यहां कलश स्थापित नहीं होता है। भक्त यहां सप्तशती का पाठ कर मन्नत मांगते हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर में सूखे मेवे का ही प्रसाद चढ़ाया जाता है।

कुछ तो अजीब घटित होता है

इस मंदिर परिसर में कुछ शब्द गूंजते रहते हैं। वैज्ञानिकों की एक टीम ने रिसर्च करने के बाद कहा कि यह आवाज किसी व्यक्ति से नहीं आती है। उनका मानना है कि यहां कुछ तो अजीब घटित होता है जिसके कारण यह आवाजें सुनाई देती हैं।

देवियां जागृत

उनका अनुमान है कि शायद मंदिरों की बनावट के कारण यहां सूक्ष्म शब्द भ्रमण करते हैं। दिन में जो लोग बातें करते हैं, वो रात को यहां गूंजती हैं, लेकिन यह केवल उनका अनुमान है। लोगों का मानना है कि तांत्रिक शक्तियों के कारण यहां की देवियां जागृत हैं। जो रात हाेते ही आपस में बातें करने लगती हैं। शुरू में लाेग यहां से गुजरने से डरते थे, लेकिन अब इसे देवी की महिमा मानकर स्वीकार किया जाता है। 

 

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