चैत्र मास की शिव चतुर्दशी पर करें ये उपाय, दूर होगी परिवार की कलह

चैत्र मास की शिव चतुर्दशी पर करें ये उपाय, दूर होगी परिवार की कलह

Manmohan Prajapati
Update: 2019-03-26 10:14 GMT
चैत्र मास की शिव चतुर्दशी पर करें ये उपाय, दूर होगी परिवार की कलह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र कृष्ण चतुर्दशी पर मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, जो कि 3 अप्रैल दिन बुधवार को है। शास्त्रों के अनुसार चैत्र शिवरात्रि के पूजन, व्रत व उपाय करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, परेशानियों का समाधान निकलता है और जातक को सदा निरोगी काया प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म के अनुसार प्रत्येक माह की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित शिव चतुर्दशी का व्रत किया जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से शिव जी की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि के बंधन से मुक्त हो जाता है।

पूजा विधि :–

शिव मंदिर में शिवलिंग का पंचोपचार पूजन करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं, सुगंधित धूप जलाएं, पीले कनेर के फूल चढ़ाएं, चंदन से शिवलिंग पर त्रिपुंड बनाएं, केसर मिलाकर चावल की खीर का भोग लगाएं तथा पूजा के बाद भोग किसी गरीब को बांट दें।

भविष्यपुराण के अनुसार शिव चतुर्दशी व्रत में भगवान शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी और शिवगणों की पूजा की जाती है। शिव चतुर्दशी का व्रत करने वाले जातक को त्रयोदशी के दिन मात्र एक समय भोजन करना चाहिए। इसके बाद चतुर्दशी के दिन व्रत का संकल्प लेकर शिव जी की धूप, दीप पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए। शिवजी की पूजा में भांग, धतूरा और बेलपत्र का विशेष महत्व होता है।


चतुर्दशी के दिन रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए। शिवजी के कुछ विशेष मंत्र निम्न हैं:

"ॐ नम: शिवाय" या “शिवाय नम:"

रात को सोते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए:

शंकराय नमसेतुभ्यं नमस्ते करवीरक। त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्र्वरमत: परम्।।

नमस्तेअस्तु महादेवस्थाणवे च ततछ परमू। नमः पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नमः।।

नमस्ते परमानन्द नणः सोमार्धधारिणे। नमो भीमाय चोग्राय त्वामहं शरणं गतः।।

मान्यता है कि शिव मंत्रों का जाप शिवालय यानि शिव मंदिर या घर के पूर्व भाग में बैठकर करने से अधिक फल प्राप्त होता है। शिव चतुर्दशी के उपरांत ब्राह्मणों को भोजन कराके स्वयं भोजन करना चाहिए।

पूजा मुहूर्त शाम 4:13 बजे से शाम 5:13 बजे तक।

मंत्र ॐ त्र्यम्बकाय नमः॥ इस मंत्र का जाप करें।

उपाय :-

सफेद शिवलिंग पर जल से अभिषेक करने से हमेशा निरोगी काया बनी रहती है।

शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाने से कार्य में आ रही मुश्किलों को कम किया जा सकता है।

शिवलिंग पर चांदी चढ़ा कर उसका छोटा टुकड़ा पर्स में रखने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

शिव चतुर्दशी व्रत विधि  
शिव चतुर्दशी का व्रत जो भी व्यक्ति पूरे श्रद्धाभाव से करता है उसके माता- पिता के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा उसके स्वयं के सारे कष्ट दूर हो जाते है तथा वह जीवन के सम्पूर्ण सुखों का भोग करता है। इस व्रत की महिमा से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त कर अंत में शिवलोक जाता है।

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