वरूथिनी एकादशी : ऐसे करें लक्ष्मीनारायण को प्रसन्न करने के उपाय
वरूथिनी एकादशी : ऐसे करें लक्ष्मीनारायण को प्रसन्न करने के उपाय
डिजिटल डेस्क, भोपाल। वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है। इस बार ये तिथि गुरूवार 12 अप्रैल को पड़ रही है। यह व्रत सुख और सौभाग्य का प्रतीक होता है। इस दिन गरीब जरुरतमंदों को दान देने से करोडों वर्ष तक ध्यान मग्न होकर तपस्या करने और कन्यादान के भी फलों से बढ़कर फल प्राप्त होते हैं। वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को दातुन का प्रयोग, किसी की निंदा आदि नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन क्रोध करने और असत्य बोलने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस व्रत में तेल युक्त भोजन भी नहीं किया जाता है। इसकी कथा सुनने से सौ ब्रह्म हत्याओं का दोष नष्ट हो जाता है।
वरुथिनी एकादशी व्रत विधि
- वरुथिनी एकादशी का व्रत करने के लिए व्यक्ति को प्रात: उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लेते हैं
- स्नान करने के लिये एकादशी व्रत में जिन वस्तुओं का पूजन किया जाता है, उन वस्तुओं से बने लेप से स्नान करना शुभ होता है
- इसमें आंवले का लेप, मिट्टी, और तिल का प्रयोग किया जाता है।
- व्रत का संकल्प लेने के बाद विष्णु जी की पूजा की जाती है।
- पूजा करने के लिए धान का ढेर रखकर उस पर मिट्टी या तांबे का घड़ा रखा जाता है
- घड़े पर लाल रंग का वस्त्र बांधकर, उसपर भगवान विष्णु की पूजा, धूप, दीप और पुष्प से की जाती है।
एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं। भगवान विष्णु के साथ ही महालक्ष्मी को भी प3सन्न करने के लिए इस दिन कुछ उपाय किये जाते हैं। जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है। हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही तीन उपाय जिनको करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
- किसी भी मंदिर में केले के दो पोधे लगाएं और नियमित रूप से उनकी देखभाल का संकल्प करें।
- पूजा में 7, 11 या 21 पीली कौड़ियां रखें, पूजा के बाद उनका वंदनवार बनाकर दरवाजे पर लगाएं।
- ध्यान रखें, लक्ष्मी की ऐसी फोटो की पूजा करें, जिसमें भगवान विष्णु भी हो उनके साथ हों।