जानिए कब है अपरा या अचला एकादशी, इस दिन भूलकर भी न करें ये काम, हो सकती है धनहानि

धर्म जानिए कब है अपरा या अचला एकादशी, इस दिन भूलकर भी न करें ये काम, हो सकती है धनहानि

Ankita Rai
Update: 2022-05-14 08:42 GMT
जानिए कब है अपरा या अचला एकादशी, इस दिन भूलकर भी न करें ये काम, हो सकती है धनहानि

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदूओं के धर्म के अनुसार एकादशी का अत्यधिक महत्व है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी  या अचला एकादशी नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की और माता लक्ष्मी की पूजा - अर्चना की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की और माता लक्ष्मी की आराधना करने से अपार धन लाभ प्राप्त होता है। इस बार 26 मई  दिन गुरुवार को अचला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। 

अचला एकादशी पर बनने वाला योग
अचला एकादशी के दिन रात में 10:14 बजे तक आयुष्मान योग रहेगा। आयुष्मान योग को सबसे शुभ योग माना जाता है। इस योग में भगवान की पूजा अर्चना करने से दीर्घायु होने का वरदान मिलता है। साथ ही आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है। 

अचला एकादशी के से करें पूजा
एकादशी का व्रत करने वालों को सुबह-सुबह स्नान करके पीला वस्त्र पहना चाहिए। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पीले आसन पर रखें। कुमकुम का तिलक लगाकर धूप दीप नैवेद्य चढ़ाकर भगवान  की पूजा करें। इस दिन साबुन का प्रयोग न करें. नाखून और बाल न काटें। इससे धनहानि हो सकती है।

अपरा एकादशी का महत्त्व

अपरा एकादशी करने वाले  जातक को अपार फल मिलता है। इस तिथि के दिन व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में चली आ रही आर्थिक परेशानियों से राहत मिलती है। शास्त्रों में बताया गया है की इस एकादशी के व्रत करने वाले जातक के पापों के प्रभाव में कमी आती है और व्यक्ति नर्क की यातना भोगने से बच जाता है। साथ ही अपार धन संपदा का लाभ मिलेगा। परिवार में खुशहाली आएगी। 

(डिसक्लेमरः- ये पूरी जानकारी अलग अलग धर्म ग्रंथ और मान्यताओं पर आधारित है। bhaskarhindi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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